वी कुमार / मंडी
अधिकारियों और कर्मचारियों पर अपनी दबंग छबि को लेकर जाने जाने वाले आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर का गुस्सा एक बार फिर अधिकारियों पर फूट पड़ा। वीरवार को मंडी में जिला शिकायत निवारण समिति की बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें महेंद्र सिंह ठाकुर बतौर मुख्यातिथि पहुंचे। उनके साथ ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा और सांसद राम स्वरूप शर्मा सहित जिला के सभी विधायक भी मौजूद थे।
सरकार बनने के बाद सीएम के गृह जिला की शिकायतों के निवारण के लिए यह पहली बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें जिला के सभी उच्चाधिकारी मौजूद थे। बैठक में 51 शिकायतों पर चर्चा की गई। इस दौरान जब फोरलेन निर्माण के कारण नेशनल हाईवे की बदहाली की बात आई तो महेंद्र सिंह ठाकुर का गुस्सा फोरलेन के अधिकारियों पर फूट पड़ा। उन्होंने अधिकारियों को नेशनल हाईवे की बदहाली को लेकर जमकर फटकार लगाई और एक सप्ताह के भीतर सड़कों में पड़े गढडों को भरने के निर्देश दिए।
इसके बाद जब सरकाघाट के पीडब्ल्यूडी विभाग की बारी आई तो महेंद्र सिंह ठाकुर एक्सईएन सरकाघाट पर टूट पड़े। अधिकारी के कार्यालय में उपस्थित रहने और काम लंबित होने को लेकर महेंद्र सिंह ठाकुर ने उन्हें जमकर लताड़ लगाई और एससी को एक्सईएन के कामों और आफिस में उपस्थिति की पूरी रिपोर्ट बनाकर भेजने को कहा। इसके साथ ही अन्य विभागों के अधिकारियों को भी मंत्री से सख्त लहजे में फुर्ती से काम करने की हिदायत दी।
हालांकि यह सब बंद हॉल में हुई बैठक के दौरान हुआ। बैठक के बाद आईपीएच मंत्री ने मीडिया से बात करते हुए स्पष्ट कहा कि जो बेहतर काम करेगा उसे भरी बैठक में शाबाशी मिलेगी और जो काम नहीं करेगा उसे फटकार मिलेगी।
वहीं महेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि बैठक में कुछ विषय लंबित रह गए, जिन्हें अगली बैठक में प्राथमिकता केआधार पर निपटाने के निर्देश संबंधित विभागों को जारी किए गए। उन्होंने कहा कि तीन महीने बाद होने वाली इस बैठक में पहले लंबित मामलों पर चर्चा होगी और उसके बाद बाकी शिकायतों पर बात की जाएगी।
बता दें कि आईपीएच मंत्री इससे पहले भी कई बार अधिकारियों को फटकार लगा चुके हैं। यहां तक की कई अधिकारियों को काम में कोताही बरतने को लेकर उन्हें सस्पेंड भी कर चुके हैं।