नितेश सैनी/सुंदरनगर
वैसे तो सरकार किसानों को कई बड़ी योजनाओं का लाभ दे रही है। सबसे बड़ा सवाल है कि जिस चीज के लिए सब से ज्यादा जरुरी पानी है, उसी को जोतने के लिए पानी नहीं है। नाचन विधानसभा के अप्पर बैहली पंचायत के समकल, हरवाण व खतरवाड़ी के किसान बिन पानी धान की फसल जोत रहे हैं।
2012 में सिंचाई के जैन एरिकेशन स्कीम आई। सभी जगह पानी दिया गया, लेकिन समकल, हरवाण और खतरवाड़ी को स्कीम से बाहर किया गया। 2009 में आश्वासन दिया गया था कि यहाँ पर प्रस्तावित सीमेंट फैक्ट्री स्थापित की जाएगी। लेकिन 9 साल बीत जाने के बाद भी न सीमेंट फैक्ट्री स्थापित हुई और जो सिंचाई के लिए बनाई गई नालियां थी, उनमें भी पानी आना बंद हो गया। इसी वजह से किसान आज बिन पानी अपनी फसलों को जोत रहे हैं। अन्य जनहित की सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं।
वहीं अब किसानों ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। सामाजिक जागरण मंच नाचन के अध्यक्ष दर्शन लाल ने किसानों का पक्ष लेते हुए कहा कि प्रस्तावित सीमेंट एरिया की आड़ में क्षेत्र की जनता को सार्वजनिक समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि समकल और हरवाण क्षेत्र के एक तरफ जैन सिंचाई की सुविधा चल रही है, लेकिन साथ लगती सैकड़ों बीघा जमीन सिंचाई की सुविधा से बाहर है। इसके लिए उन्होंने पूर्व और मौजूदा समय में रहे प्रशासन के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में ग्रामीणों द्वारा लंबे अरसे से मांग की जा रही है, लेकिन ग्रामीणों को कभी सींमेट एरिया के नाम पर तो कभी किसी और बहकावे में उलझा कर रखा हुआ है। जिसके चलते आज भी ग्रामीणों की समस्या का हल नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि कई बार संबंधित अधिकारियों द्वारा प्रस्तावित सीमेंट एरिया की बात करके जन सुविधाओं की स्कीमों को रोक दिया जाता है, जिससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।
स्थानीय ग्रामीणों ने प्रस्ताव पारित करके स्थानीय विधायक विनोद कुमार से सम्बंधित समस्या के समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में आने वाली उपजाऊ जमीन पर सिंचाई की सुविधा मिलने से स्थानीय सैकड़ों ग्रामीणों की आर्थिकी मजबूत होगी। वहीं ग्रामीणों एडसीएम सुंदरनगर के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन सौंपा है कि सीमेंट फैक्ट्री कारखाने को जल्द रद्द करें, ताकि लोग अपनी उपजाऊ भूमि पर खेती कर अपना गुजारा कर सके।
इस मौके पर नरेश कुमार, तारा चंद, नेक राम, संत राम, गुरदास, श्याम लाल, पवन कुमार, तन्मय, राम सिंह, नंदलाल, दिवान चंद, शिव राम, लालमन, मस्त राम, मनीष कुमार, रूप लाल, लोसी राम समेत अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।