एमबीएम न्यूज़ / शिमला
हिमाचल प्रदेश में सेब सीजन प्रारंभ हो गया है और मंडियों में सेब की महक दिखाई देने लगी है। शिमला के उपरी क्षेत्रों ठियोग, कोटखाई, चौपाल, रामपुर इत्यादि से रोजाना बड़ी तादाद में सेब की पेटियां मंडियों में पहुंच रही हैं। शिमला की ढली और ठियोग की पराला मंडियों में सैंकड़ों सेब पेटियां उपरी इलाकों से पहुंचाई जा रही हैं। ढली मंडी में प्रतिदिन अरली वेरायटी के सेब की 300 से 500 पेटियां आ रही हैं।

इसमें मुख्य तौर पर टाइडमैन का सेब शामिल है। सबसे बड़ी बात यह है कि मौसम की मार से कम फसल के बावजूद बागवानों को सेब के अच्छे दाम मिल रहे हैं। ढली मंडी में टाइडमैन सेब की प्रति पेटी 1200 से 1800 रूपये तक बिक रही है और इससे बागवान खुश हैं। आगामी दिनों में सेब सीजन और रफतार पकडेगा। अन्य बेहतर किस्मों का सेब भी मंडियों में दस्तक दे देगा। रोहड़ू, कुमारसैन, रामपुर, सैंज, छैला व गुम्मा के छह हजार फुट से कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों का सेब भी मंडियों में जल्द पहुंच जाएगा।
शिमला में आधिकारिक तौर पर सेब सीजन 15 जुलाई से प्रारम्भ होता है। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। उपरी शिमला की लाईफ.लाईन मानी जाने वाली ठियोग, हाटकोटी सड़क का अधिकतर हिस्सा बनकर तैयार किया जा चुका है,केवल कुछ मीटर के हिस्से पर निर्माण कार्य चल रहा है। इसी सडक मार्ग के जरिए अप्पर शिमला का सेब शिमला सहित देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाया जाता है।
राज्य में पिछले साल की अपेक्षा इस बार सेब की पैदावार काफी कम है। इसका कारण सर्दियों में कम बर्फबारी और गर्मियों में ओलावृष्टि व अंधड़ है। हिमाचल में सेब शिमला के अलावा कुल्लू, किन्नौर, मंडी व चंबा के उपरी इलाकों में पाया जाता है। सेब की सबसे ज्यादा पैदावार शिमला में ही होती है। सूबे में सालाना औसतन 2 से 4 करोड़ पेटी सेब का उत्पादन होता हैए लेकिन इस बार यह 2 करोड़ पेटी के नीचे ही सिमट सकता है।
राज्य फल उत्पादक संघ के प्रदेश अध्यक्ष हरीश का कहना है कि शिमला जिले में इस बार सेब कारोबार दो करोड़ पेटी के नीचे रहने के आसार हैंए वहीं शिमला जिले में 90 लाख पेटी रहने का अनुमान है। बीते वर्ष राज्य में 2.75 करोड़ सेब पेटी का उत्पादन हुआ था।