एमबीएम न्यूज़ / शिमला
राजधानी शिमला की सफाई व्यवस्था को रोहिंग्यो मुस्लिम शरणार्थियों के हवाले करने संबंधी खबरों का शिमला नगर निगम की मेयर कुसूम सदरेट ने जोरदार खंडन किया है। इस मसले के तूल पकड़ने के बाद मेयर सदरेट आज चूप्पी तोड़ते हुए यहां पहली बार मीडिया से रूबरू हुई। उन्होंने पत्रकार वार्ता में कहा कि नगर निगम ने न तो किसी रोहिंग्यो शरणार्थी को काम पर रखा है और न ही किसी भी सूरत पर इसकी इजाजत देगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि रोहिंग्यो शरणार्थियों को लेकर मीडिया में चल रही खबरें अफवाह मात्र है।
मेयर ने कहा कि देवभूमि कीसुरक्षा उनके लिए सर्वोपरि है। शहर की सफाई के लिए बाहरी लोगों विशेषकर रोहिंग्यो शरणार्थियों को ठेके पर रखने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उनका कहना था कि जिस कंपनी को वार्डों की साफ-सफाई का ठेका सौंपा जाना है। उसे सख्त हिदायत दी जाएगी कि रोहिंग्यो शरणार्थियों को काम पर न रखा जाए। मेयर ने आगे कहा कि वार्डों की सफाई व्यवस्था को ठेके पर देने के लिए अभी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। किसी कंपनी व ठेकेदार ने कर्मचारियों की नियुक्तियां नहीं की हैं।
यहां बता दें कि नगर निगम ने अपने विभिन्न वार्डों की सफाई व्यवस्था को आउटसोर्स कर दिया है। पिछले दिनों मीडिया में खबर आई कि इन वार्डों की सफाई के लिए रोहिंग्यो शरणार्थियों को काम पर रखा जाएगा। जिसके बाद पुलिस व खुफिया एजेंसियों में हड़कंप मच गया और यह मामला तूल पकड़ने लगा। विभिन्न संगठनों ने नगर निगम और प्रशासन को चेताते हुए कहा कि अगर शिमला में रोहिंग्यो शरणार्थियों को काम पर रखा गया, तो वे इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। उधर, जिला पुलिस प्रशासन रोहिंग्यो शरणार्थियों के शिमला में आने की बात को पूरी तरह नकार चुका है।
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