एमबीएम न्यूज़ /शिमला
प्रदेश में 12 से 20 जुलाई तक जेबीटी की बैच वाइज काउंसलिंग शुरू हो रही है। इसको लेकर अभ्यार्थियों में असमंजस पैदा हो गया है। काउंसलिंग में हिस्सा लेने वाले अभ्यर्थी इस बात सवाल उठा रहे है कि पिछली सरकार के पैटर्न को ही क्यों अडॉप्ट किया जा रहा है। हरेक ज़िला में काउंसलिंग का एक या दो दिन का अंतर रखा गया है।
गत वर्ष काउंसलिंग प्रक्रिया की बड़े स्तर पर पोल खुल गई थी, उम्मीदवारों को जबरदस्त परेशानी का सामना करना पड़ा था। सवाल इस बात पर उठाया जा रहा है कि जब डिस्ट्रिक्ट कैडर में पुरे प्रदेश के उम्मीदवार पात्र है तो एक ही जगह पर एक बार ही इंटरव्यू क्यों नहीं लिया जाता। अभ्यर्थी इस बात को लेकर परेशानी में है कि एक जिला से दूसरे जिला में काउंसलिंग के लिए कम समय में कैसे पहुंच पाएंगे।
लिहाजा मांग हो रही है कि विभाग को एक ही जगह पर काउंसलिंग करनी चाहिए। जिला के क्रम के मुताबिक अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के लिए अलग-अलग तिथियों पर एक ही जगह पर बुलाया जाना चाहिए। गत वर्ष भी सरकार द्वारा बैचवाइज भर्ती के लिए पूरे राज्य में काउंसलिंग के लिए अभ्यर्थियों को अलग-अलग बुलाया गया था। काफी संख्या में अभियार्थी समय पर पहुंच नहीं पाए थे। इसके अलावा अभ्यर्थियों को आर्थिक शोषण का भी सामना करना पड़ा।
इस साल प्रदेश में 700 पद भरे जाने हैं, प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के पैतृक जिला में सबसे अधिक 148 नियुक्तियां की जानी है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क को अभियार्थी लगातार मैसेज भेजकर इस शेडूयल को बदलने की मांग कर रहे हैं। अभ्यर्थियों को यह भी डर सता रहा है कि पिछले साल की तरह इस वर्ष भी कही काउंसलिंग में अवव्यस्था का आलम न हो।
उधर सिरमौर के उपनिदेशक एलेमेन्ट्री उमेश बहुगणा का कहना है कि किसी भी ज़िला का उम्मीदवार कही पर भी आवेदन कर सकता है। उन्होंने कहा कि नियुक्तिया ज़िला कैडर के तहत हो रही है लिहाजा ज़िला स्तर पर काउंसलिंग हो रही है। प्रदेश भर के उम्मीदवार हरेक ज़िला में पहुंचेगे तो अवव्यस्था की आशंका रहेगी ही।
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