एमबीएम न्यूज़/नाहन
गौवशं के सरंक्षण के लिए पच्छाद तहसील के कोटला-बड़ोग में गौ-अभयारण्य (काऊ-सैंक्चुरी) खोली जाएगी जोकि प्रदेश की सबसे बड़ी और अपनी तरह की पहली गऊ-सैंक्चुरी होगी। यह जानकारी उपायुक्त ललित जैन ने आज पच्छाद तहसील के कोटला बड़ोग में काऊ-सैंक्चुरी के लिए भूमि का निरीक्षण के दौरान दी है।
उन्होने कहा कि कोटला-बड़ोग में 109 बीघा भूमि पशु पालन विभाग की उपलब्ध है और काऊ-सैंक्चुरी के लिए सबसे उपयुक्त स्थल है, जहां पर गौवशं एक खुले वातावरण में विचरण कर सकेगें। उन्होंने बताया कि इस गऊ सेंचुरी में पशुशाला, चारा भण्डारण, पशु औषद्यालय तथा एक चौकीदार कक्ष निर्मित करना भी प्रस्तावित है।
उन्होने कहा कि इस अभयारण्य स्थल में पांच सौ से अधिक पशुओं को रखने की क्षमता होगी। उन्होने कहा कि लोगों द्वारा अपने पशुओं को सड़कों पर लावारिस छोड़ा जाता है, जोकि उचित नहीं है। उन्होने कहा कि गौवश के संरक्षण एवं संवर्धन पर प्रदेश सरकार द्वारा प्रभावी पद उठाए गए हैं तथा सड़कों पर घूमने वाले लावारिस पशुओं के रहने के लिए एक उपयुक्त स्थल मिल सके।
उपायुक्त ने कहा कि इसके अतिरिक्त नाहन उप मण्डल की महीपुर पंचायत में भी काऊ-सैंक्चुरी खोलने बारे मामला विचाराधीन है। भूमि निरीक्षण के दौरान निदेशक पशु पालन विभाग डॉ. सुदेश चौधरी, एसडीएम राजगढ़ नरेश वर्मा, तहसीलदार राजगढ़ विवेक नेगी, उप निदेशक पशुपालन विभाग डॉ0 नीरू शबनम सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।