एमबीएम न्यूज़ /हमीरपुर
हमीरपुर के रहने वाले दो भाई-बहनो ने लग्न से वो मुकाम हासिल किया जिसके लिए आज के युवाओं में सबसे ज्यादा क्रेज़ है। दोनों ने निट की परीक्षा उत्तीर्ण कर डॉक्टर बनने का मार्ग प्रशस्त किया। दोनों ने इस सफलता के लिए तीन साल लगातार जी तोड़ मेहनत की। धैर्य व साहस रख यह दिखा दिया कि सही दिशा में योजनाबद्ध तरीके से की गई पढाई कभी व्यर्थ नहीं जाती। भाई हर्ष ने सैनिक स्कूल सुजानपुर टिहरा से 10+2 की परीक्षा उत्तीर्ण की।
निट की परीक्षा में हर्ष ने 515 अंक प्राप्त किए। उनका एडमिशन टांडा मेडिकल कॉलेज में हुआ है। उनका यह तीसरा प्रयास था। हर्ष भविष्य में कार्डियोलॉजिस्ट बनकर गरीब लोगो की सेवा करना चाहता है। वही बहन निशुप्रिया ने भी पीएमटी की परीक्षा पास करने के लिए भाई के नक्शे कदम पर कड़ी मेहनत की। उसने परीक्षा में 413 अंक प्राप्त किये।
कॉउंसलिंग के बाद उनका एडमिशन सरकारी मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में हुआ। वह भविष्य में गायनी के क्षेत्र में पीजी करना चाहती है। निशुप्रिया ने प्रदेश पब्लिक स्कूल ऑफ़ साइंस बनी से 10+2 की परीक्षा उत्तीर्ण की। दोनों भाई-बहन ने अपनी सफलता का श्रेय माँ-बाप के अलावा सेल्फ स्टडी को दिया है। दोनों बच्चों की सफलता पर उनके पिता बेहद खुश है। उनके पिता हरिचंद सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत है।
उनका कहना है कि अध्यापकों के पास उनके बच्चे ही उनका धन है। अगर बच्चे पढाई के साथ संस्कार और समाज सेवा का जज्बा रखे तो सफलता स्वत: ही हासिल होती है। वही बच्चो की मां रामेश्वरी भी इस सफलता से फुले नहीं समा रही है। वह सरकारी अस्पताल में नर्स है। दीन-दुखियों की सेवा का जज्बा माँ ने बच्चो में बचपन से पैदा किया। जिस वजह से दोनों बच्चे डॉक्टर बनने की राह पर अग्रसर है।
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