जीता सिंह नेगी/ रिकांगपिओ
सरकार जंहा दिव्यांगों के सुविधा के लिए बसों में फ्री पास मुहैया करवा रही है। मगर रिकांगपिओ डिपो के कुछ एक चालक व परिचालक को सरकार की ओर से दी जा रही इन सुविधाओ को देने से पूरी तरह इनकार किया जा रहा है। मामला 27 जून की है। दिव्यांग युवती माला को शिमला से रिकांगपिओ आ रही रात्रि निगम बस के परिचालक व चालक ने सुविधा देने से इनकार कर दिया।
दिव्यांग लड़की को पास होने के बावजूद भी बस में टिकट काटने पर मजबूर होना पड़ा। शुक्रवार को युवती ने आरएम रिकांगपिओ डिपो को लिखित शिकायत की है। युवती माला भगति ने कहा कि 27 जून को रात्रि बस हमीरपुर से रिकांगपिओ- काज़ा जाने वाली बस ( एचपी25 – 2294) के शिमला में काउंटर पर गई तो काउंटर में बस का चालक व परिचालक दोनों बैठे थे। जब उन्होंने दिव्यांग पास दिखाया तो चालक ने कहा कि हमीरपुर से काज़ा बस में दिव्यांग पास नहीं चलता है। यहां तक की अभद्र व्यवहार भी किया गया।
माला भगति ने कहा कि रुपए देकर टिकट लिया, लेकिन सीट मांगी तो जानबूझ कर उन्हें अंतिम सीट दी गई। गुजारिश करने के बाद भी नही माने। जबकि 2/3 नम्बर सीट दिव्यांगों के लिए आरक्षित होती है। उन्होंने कहा कि शारीरिक रूप से दिव्यांग हूं। अंतिम सीट में सफर करने से एक दिन पूरी तरह बीमार रही। परिचालक द्वारा 2/3 नम्बर सीट दो अन्य लोगों को दी गई।
लड़की ने आरएम रिकांगपिओ डिपो से मांग की है कि इस बारे तुरंत कार्रवाई अमल में लाई जाए। अन्यथा दिव्यांग समिति के माध्यम से अपनी आवाज उठाएगी। उधर इस मामले पर आरएम रिकांगपिओ ने कहा कि दिव्यांग पास सभी बसों में मान्य है। दिव्यांग के साथ इस तरह का रवैया पूरी तरह गलत है।