एमबीएम न्यूज़/शिमला
राजधानी शिमला में चार साल पहले घटे जघन्य युग हत्याकांड मामले में गिरफ्तार तीन अभियुक्तों तजेंद्र, चंद्र और विक्रांत को शुक्रवार को सैशन जज वीरेंद्र सिंह की अदालत में पेश किया गया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने मामले की अगली तारीख 13 जुलाई को तय की है आरोपियों को अदालत में पेश करने ले जाती पुलिस (फाइल फोटो)
साल 2014 के जून माह में चार साल के मासूम बालक युग की बड़ी बर्बरता से हत्या कर उसके शव को पानी के टैंक में डाल दिया गया था। इस घटना को तीन युवकों तजेंद्र, चंद और विक्रांत नामक तीन युवकों ने अंजाम दिया था। ये तीनों युग के परिजनों के जान-पहचान के थे। अगस्त 2016 में सीआईडी ने युग हत्याकांड मामले को सुलझाते हुए इन तीनों को गिरफ्तार किया था।
युग शिमला के रामबाजार के कारोबारी का बेटा था। आरोपियों ने पहले उसका अपहरण किया और फिर उसे मौत के घाट उतार दिया था। इस घटना ने पूरे शहर को हैरत में डाल दिया था। लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किए और हत्यारों को फांसी देने की मांग की।
युग की हत्या में धरे गए तीनों आरोपी रसूखदार थे और इनमें चंद्र कानून की पढ़ाई कर रहा था, जबकि विक्रांत चंडीगढ़ में पढ़ता था। तीनों की आयु 23 से 29 साल के बीच थी। आरोपी चंद्र तो युग का पड़ोसी ही था। वारदात को अंजाम देने के बाद से वह हर समय युग के पिता विनोद गुप्ता के साथ साथ रह रहा था।
वैज्ञानिक और आधुनिक तकनीक आधारित जांच अपनाते हुए सीआईडी ने आरोपियों को दबोचा था। आरोपी अपने गुनाह से लाख इनकार करते रहे, लेकिन उनकी हैंड राइटिंग, मोबाइल कॉल डिटेल, लैपटॉप व अन्य उपकरणों ने उनकी करतूत से पर्दा हटा दिया।
बता दें कि 14 जून 2014 को राजधानी के रामबाजार से एक व्यापारी विनोद कुमार गुप्ता का 4 साल का युग लापता हो गया था। पुलिस ने काफी जांच की, लेकिन जब सफलता नहीं मिली तो यह मामला सीआईडी के पास गया।
20 अगस्त 2016 को 4 साल के बच्चे युग का शव लांगवुड के समीप स्थित कैल्सटन में एक बावड़ी से बरामद हुआ है।