एमबीएम न्यूज़ / शिमला
राजधानी शिमला में चार साल पहले घटे जघन्य युग हत्याकांड के मामले में शुक्रवार को अदालत हत्यारों को सजा सुनाएगी। केस की सुनवाई जिला व सत्र कोर्ट कर रही है। पिछले दिनों इस मामले में ट्रायल पूरा हो चुका है। ऐसे में अब शुक्रवार को कोर्ट द्वारा दिए जाने वाले फैसले पर लोगों की नजरें लगी हैं। इस मामले में तीन लोग जेल में बंद हैं।
साल 2014 के जून माह में चार साल के मासूम बालक युग की बड़ी बर्बरता से हत्या कर उसके शव को पानी के टैंक में डाल दिया गया था। इस घटना को तीन युवकों तेजेंद्र, चंद और बिक्रांत नामक तीन युवकों ने अंजाम दिया था। ये तीनों यूग के परिजनों के जान-पहचान के थे। अगस्त 2016 में सीआईडी ने यूग हत्याकांड मामले को सुलझाते हुए इन तीनों को गिरफतार किया था।
यूग शिमला के रामबाजार के कारोबारी का बेटा था। आरोपियों ने पहले उसका अपहरण किया और फिर उसे मौत के घाट उतार दिया था। इस घटना ने पूरे शहर को हैरत में डाल दिया था। लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किए और हत्यारों को फांसी देने की मांग की।
युग की हत्या में धरे गए तीनों आरोपी रसूखदार थे और इनमें चंद्र कानून की पढ़ाई कर रहा था, जबकि बिक्रांत चंडीगढ़ में पढ़ता था। तीनों की आयु 23 से 29 साल के बीच थी। आरोपी चंद्र तो युग का पड़ोसी ही था। वारदात को अंजाम देने के बाद से वह हर समय युग के पिता विनोद गुप्ता के साथ साथ रह रहा था।
वैज्ञानिक और आधुनिक तकनीक आधारित जांच अपनाते हुए सीआईडी ने आरोपियों को दबोचा था। आरोपी अपने गुनाह से लाख इनकार करते रहे लेकिन उनकी हैंड राइटिंग, मोबाइल कॉल डिटेल, लैपटॉप व अन्य उपकरणों ने उनकी करतूत से पर्दा हटा दिया।
सीआईडी को कई ऐसे वैज्ञानिक आधार वाले सबूत हाथ लगे हैं जिनकी वजह से आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
बता दें कि 14 जून 2014 को राजधानी के रामबाजार से एक व्यापारी विनोद कुमार गुप्ता का 4 साल का युग लापता हो गया था। पुलिस ने काफी जांच की, लेकिन जब सफलता नहीं मिली तो यह मामला सीआईडी के पास गया।
20 अगस्त 2016 को 4 साल के बच्चे युग का शव लांगवुड के समीप स्थित कैल्सटन में एक बावड़ी से बरामद हुआ है।