रिकांगपिओ/ जीता सिंह नेगी
जनजातीय जिला के छात्र भी अब देश-विदेश में नौकरी व पढ़ाई में जिला व प्रदेश का नाम रोशन कर रहे है। किन्नौर जिला सांगला तहसील के शौंग गांव से तालुक रखने वाले रिटायर्ड आरबीआई ऑफिसर ज्ञान विद्या नेगी के पुत्र कर्ण नेगी को जर्मन कंपनी ने हाथो-हाथ लेते हुए 36 लाख रूपए की पैकेज की पेशकश की है। यानी शुरूआती दौर में ही कर्ण नेगी का मासिक वेतन तीन लाख रूपए होगा। बेटे के इस कामयाबी पर पूरे परिवार में खुशी का माहौल है।
भारतीय रिजर्ब बैंक से डीजीएम पद से रिटायर्ड हुए ज्ञान विद्या नेगी के दो पुत्रों में कर्ण नेगी छोट बेटे है। कर्ण नेगी के बडे भाई मोहित नेगी भी आईसीआईसीआई बैंक में बतौर मैनेजर के पद पर तैनात है। कर्ण नेगी ने रामजस कॉलेज नई दिल्ली से बी कॉम की पढाई पूर्ण करने के बाद आईआईएम रोहतक हरियाणा से एमबीए की डिग्री प्राप्त की। जिस के बाद उन की पहली प्लेसमेंट जर्मन कंपनी कलास लिमिटेड में हुई। कर्ण नेगी ने कुशलता व दूरदर्शिता को देखते हुए कंपनी ने नेगी की पलेस्मेंट जर्मनी में कर दी।
बताया जाता है कि जर्मन कंपनी क्लास लिमिटेड एक सौ पांच वर्ष पूरानी कंपनी है। जो एग्रीकलचर इक्यूपमैंट बनाने का काम करती है। कम्पनी अपने उत्पाद को विश्व के सौ देशों में निर्यात करती है। कम्पनी की कई शाखाएं यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका आदि 17 देशों में है। भारत में भी इस कम्पनी की शाखाए बैंगलूर, फरिदाबाद, मोरिंडा (पंजाव) में भी है।
कर्ण नेगी की इस कामयाबी पर उन के माता जी सुरेन्द्र नेगी ने बताया कि जर्मनी में बेटे की पलेसमैंट लेटर मिलते पर उन्हे काफी खुुशी है। उन्होंने कहा कि बेटा 28 जून को जर्मनी के लिए रवाना हो गया।
जनजातीय जिला के छात्र भी अब देश-विदेश में नौकरी व पढ़ाई में जिला व प्रदेश का नाम रोशन कर रहे है। किन्नौर जिला सांगला तहसील के शौंग गांव से तालुक रखने वाले रिटायर्ड आरबीआई ऑफिसर ज्ञान विद्या नेगी के पुत्र कर्ण नेगी को जर्मन कंपनी ने हाथो-हाथ लेते हुए 36 लाख रूपए की पैकेज की पेशकश की है। यानी शुरूआती दौर में ही कर्ण नेगी का मासिक वेतन तीन लाख रूपए होगा। बेटे के इस कामयाबी पर पूरे परिवार में खुशी का माहौल है।

भारतीय रिजर्ब बैंक से डीजीएम पद से रिटायर्ड हुए ज्ञान विद्या नेगी के दो पुत्रों में कर्ण नेगी छोट बेटे है। कर्ण नेगी के बडे भाई मोहित नेगी भी आईसीआईसीआई बैंक में बतौर मैनेजर के पद पर तैनात है। कर्ण नेगी ने रामजस कॉलेज नई दिल्ली से बी कॉम की पढाई पूर्ण करने के बाद आईआईएम रोहतक हरियाणा से एमबीए की डिग्री प्राप्त की। जिस के बाद उन की पहली प्लेसमेंट जर्मन कंपनी कलास लिमिटेड में हुई। कर्ण नेगी ने कुशलता व दूरदर्शिता को देखते हुए कंपनी ने नेगी की पलेस्मेंट जर्मनी में कर दी।
बताया जाता है कि जर्मन कंपनी क्लास लिमिटेड एक सौ पांच वर्ष पूरानी कंपनी है। जो एग्रीकलचर इक्यूपमैंट बनाने का काम करती है। कम्पनी अपने उत्पाद को विश्व के सौ देशों में निर्यात करती है। कम्पनी की कई शाखाएं यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका आदि 17 देशों में है। भारत में भी इस कम्पनी की शाखाए बैंगलूर, फरिदाबाद, मोरिंडा (पंजाव) में भी है।
कर्ण नेगी की इस कामयाबी पर उन के माता जी सुरेन्द्र नेगी ने बताया कि जर्मनी में बेटे की पलेसमैंट लेटर मिलते पर उन्हे काफी खुुशी है। उन्होंने कहा कि बेटा 28 जून को जर्मनी के लिए रवाना हो गया।