एमबीएम न्यूज़/ ऊना
हिमाचल प्रदेश में मानसून ने दस्तक दे दी है। ऊना जिला की स्वां नदी में मौत का खेल खेला जा रहा है। स्वां नदी के मुहानों पर बसे प्रवासी अपनी जिंदगी की परवाह किए बिना पानी के बीच उतरकर चूल्हा जलाने के लिए लकड़ियां इकट्ठी कर रहे है। स्वां नदी के बरसाती पानी में बहकर आने वाली लकड़ियों को छोटे-छोटे बच्चे भी डुबकियां लगाकर निकाल रहे है। जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। प्रशासन के आपदा प्रबंधों के दावों की ऊना में सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। प्रशासन मानों कुंभकर्णी निंद्रा में सो रहा हो।

जिला में बहने वाली स्वां नदी में प्रवासी लोग अपनी जान हथेली पर रखकर चूल्हा जलाने का जुगाड़ कर रहे है। बुधवार रात से लगातार हो रही भारी बारिश के चलते स्वां नदी अपने उफान पर थी। उफनती स्वां नदी के बीच प्रवासी परिवारों के पुरुष, महिलाएं और बच्चे लकड़ियां इकट्ठा करने में जुटे हुए थे। लेकिन अगर इसी बीच पानी का तेज बहाव आता तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था। इससे पहले भी स्वां नदी में कई ऐसी घटनाएं हो चुकी है।
जिसमें स्वां नदी में फंसे लोगों को कड़ी मशक्कत के बाद निकाला गया हो। दिन दहाड़े चल रहे मौत के नंगे नाच को रोकने वाला शायद कोई नहीं है। प्रशासन के दावे केवल आपदा प्रबंधन की बैठकों तक सिमट कर रह गए है। अगर समय रहते प्रशासन ने इस मामले पर गंभीरता से विचार ना किया तो आने वाले समय में कोई बड़ा हादसा पेश आ सकता है।
जब इस बारे में प्रवासियों से बात की गई तो वो ऐसे में किसी भी खतरे से अनजान बने हुए है। प्रवासी स्वां नदी में आनी वाली लकडिय़ों को पकडऩे में अपने आप को माहिर बता रहे हैं। वहीँ स्थानीय लोगों की माने स्वां नदी में अठखेलियां करने वाले अक्सर पानी के तेज बहाव में फंस जाते है। इसलिए प्रशासन को इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि बड़े हादसे से बचा जा सके।