अभिषेक मिश्रा/बिलासपुर
देश के महानगर मुंबई की तर्ज पर भाखड़ा विस्थापितों के शहर बिलासपुर में हिमाचल प्रदेश का पहला मैगा इक्वेरियम बनेगा। इस बाबत कार्ययोजना तैयार की जा रही है। बिलासपुर शहर के समीप एक हैक्टेयर एरिया चयन को लेकर बाकायदा कवायद भी शुरू कर दी गई है। उपयुक्त जमीन चयन के बाद 25 से 30 करोड़ लागत से तैयार किए जाने वाले इस मैगा इक्वेरियम को सिरे चढ़ाने को लेकर मत्स्य विभाग द्वारा प्रपोजल तैयार कर केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
अहम बात यह है कि इस इक्वेरियम के बन जाने से न केवल बिलासपुर में टूरिज्म निखरेगा, बल्कि बेरोजगारों के लिए रोजगार के द्वार भी खुलेंगे।अभी तक प्रदेश में कहीं भी मैगा इक्वेरियम नहीं है। मैगा इक्वेरियम की स्थापना को लेकर बिलासपुर में योजना पर काम शुरू हो गया है। बिलासपुर में मत्स्य निदेशालय कार्यरत है और गोविंदसागर में मत्स्य आखेट से अढ़ाई हजार से ज्यादा परिवार जुड़े हुए हैं। इसलिए बिलासपुर में मैगा इक्वेरियम निर्माण की योजना बनाई गई है।
इस प्रोजेक्ट को स्थापित करने के लिए दस से बारह बीघा जमीन की दरकार है। ऐसे में मीटिंग में निर्णय के बाद बिलासपुर शहर व आसपास के क्षेत्र में उपयुक्त जमीन की तलाश शुरू कर दी गई है। जैसे ही जमीन का चयन हो जाएगा, उसके बाद मत्स्य निदेशालय के अफसरों की टीम प्रोजेक्ट स्थापना को लेकर प्रपोजल तैयार करेगी, जिसे स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
एमएलए सुभाष ठाकुर ने बताया की वह खुद मुंबई गए थे, जहां उन्होंने मैगा इक्वेरियम को निहारा। इसी तर्ज पर अब बिलासपुर में मैगा इक्वेरियम निर्माण की योजना तैयार की गई है। इस इक्वेरियम में सजावटी मछली की 150 से 300 के लगभग प्रजातियां शोभा बनेंगी। उन्होंने बताया कि बिलासपुर में टूरिज्म आकर्षण बढ़ाने के लिए यह प्रोजेक्ट मील का पत्थर साबित होगा।
इससे न केवल पर्यटन विकसित होगा, बल्कि स्थानीय बेरोजगारों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। हालांकि घागस में मत्स्य विभाग के पास उपयुक्त जमीन उपलब्ध है, लेकिन फिलहाल बिलासपुर के आसपास जमीन की तलाश की जा रही है। यदि यहां उपयुक्त जमीन नहीं मिलती है तो फिर घागस में प्रोजेक्ट स्थापना को लेकर विचार किया जा सकता है।
नेशनल पैराग्लाईडिंग के आयोजन की तैयारी
बिलासपुर में जल्द ही पैराग्लाईडिंग की नेशनल प्रतियोगिता के आयोजन की तैयारी चल रही है। बंदला स्थित साईट को विकसित करने के लिए योजना पर काम चल रहा है और साईट तक सड़क के निर्माण को लेकर स्थानीय लोगों के साथ सहमति बनाई जा रही है। व्यवस्था सही होने पर यहां नेशनल लेवल की पैराग्लाईडिंग प्रतियोगिता के आयोजन बारे शेड्यूल तैयार किया जाएगा।