एमबीएम न्यूज / ऊना
युवा पशु चिकित्सकों ने एक बार फिर दुर्लभ सर्जरी कर कमाल किया है। लेकिन इस बार मामला काफी संवेदनशील था, क्योंकि गाय पांच माह की गर्भवती थी। मामूली सी चूक पर गर्भ में पल रहे बच्चे सहित गाय की भी मौत हो सकती थी। गाय की मालकिन मनजीत कौर विधवा होने के साथ-साथ गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं। सनद रहे कि गरीब महिला की आमदनी का माध्यम यही गाय है। लिहाजा उसके सामने गाय को इस हालत में लुधियाना या फिर पालमपुर ले जाना नामुमकिन था। महज एक हजार रुपए का ही खर्चा हुआ।
शेष राशि चिकित्सकों ने अपने अंशदान से जुटाई। यह दुर्लभ से दुर्लभ सर्जरी हरोली उपमंडल के लालहडी वैटर्नरी पॉलीक्लीनिक में डॉ. निशांत रणौत, डॉ. शिल्पा रणौत व डॉ. मोनिका ठाकुर के अलावा बलकार पठानिया, सुरेश व जितेन्द्र की टीम ने कर दिखाई है। गर्भवती गाय की आंतों में गांठ बन गई थी। करीब चार घंटे चली सर्जरी में उस वक्त टीम के सदस्यों के चेहरों पर खुशी तैर गई, जब टांके लगने के बाद गाय ने मल विसर्जन किया। क्योंकि इसी के बूते कामयाब सर्जरी का सबूत पुख्ता हो जाता है।
हालांकि इसी पॉलीक्लीनिक में जनवरी माह में इसी तरह की सर्जरी की गई थी, लेकिन इस बार गाय के गर्भवती होने के कारण मामला बेहद जटिल था। संभवत: पूरे प्रदेश में इस तरह की सर्जरी इसी पॉलीक्लीनिक में की जा रही है। पॉलीक्लीनिक केे प्रभारी डॉ. निशांत रणौत का कहना है कि इस तरह की सर्जरी लुधियाना या पालमपुर में ही संभव होती है। उन्होंने कहा कि महिला गरीबी की वजह से भी गाय को इन स्थानों पर ले जाने में असमर्थ थी। यहां तक उसके पास सर्जरी के लिए पैसे भी नहीं थे। लिहाजा टीम ने ही धन एकत्रित किया, ताकि जरूरी सामान लिया जा सके। कुल मिलाकर पशु चिकित्सकों की टीम इस कामयाब सर्जरी के लिए बधाई की पात्र है।