नितेश सैनी/सुंदरनगर
हिमाचल प्रदेश के सब से बड़े टमाटर उत्पादक क्षेत्र बल्ह में हर वर्ष 700 हेक्टेयर भूमि पर टमाटर की खेती की जाती है। लेकिन टमाटर के लिए मशहूर बल्ह में किसानों का टमाटर महज तीन रुपए किलो बिक रहा है। इस बार बल्ह में टमाटर की पैदावार चार गुणा होने के साथ 900 हेक्टेयर भूमि पर की गई है। जो की पिछले वर्ष के मुक़ाबले 200 हेक्टेयर ज्यादा है।
घाटी में नगदी फसलों की पैदावार सैकड़ों परिवारों की रोजी रोटी का साधन है। जहां गत वर्ष एक क्रेट का 800 से 900 रुपए दाम मिला था। वहीं इस वर्ष 25 किलो का क्रेट 100 रुपए में बिक रहा है। फसल के उचित दाम न मिलने से किसानों को गहरा झटका लगा है। यह भी बताया जा रहा है कि इन दिनों पंजाब और हरियाणा में टमाटर की बंपर फसल हुई है। इस कारण बल्ह के टमाटर की डिमांड बेहद कम हो गई है।
किसानों ने प्रदेश सरकार से रोष जताते हुए कहा कि न पहले उन्हें टमाटर का बीज मुहैया नहीं करवाया गया। अब जब मेहनत कर किसान ने बंपर फसल उगाई है तो न ही अब समर्थन मूल्य मिला रहा है। न ही फसल के बीमे की सुविधा सरकार की ओर से दी गई है। एक तरफ सरकार युवाओं को खेती की तरफ आकर्षित करना चाह रही है। वहीं दूसरी तरफ अब टमाटर उत्पादकों की अनदेखी हो रही है।
किसानों पर ध्यान दे सरकार
टमाटर उत्पादक मस्तराम सैनी, रणजीत सैनी, उमेश, नीकु राम, जोगिन्दर, संभु सैनी ने कहा कि टमाटर की फसल पूर्णतया तैयार है। उचित दाम न मिलने से दिक्कतें बढ़ गई हैं। महज 50 रूपये से 200 रुपए तक क्रेट बिक रहा है। खेत में टमाटर के यह दाम मिल रहे हैं। उत्पाद को टमाटर मंडी तक पहुंचाने पर ही 80 से 100 रुपए प्रति क्रेट खर्च हो रहा है। खेत से पूरा खर्चा कर एक क्रेट लगभग 300 रूपये में पड़ता है। मगर सरकार का टमाटर उत्पादकों की तरफ कोई ध्यान नहीं है।
लोग क्रेट न मिलने से टमाटर की फसल को सड़क किनारे फैकने को मजबूर है। लोगो का कहना है कि सरकार को बल्ह क्षेत्र में एक सॉस बनाने वाली फैक्ट्री लगानी चाहिए। ताकि क्रेट न मिलने पर टमाटर को फैक्ट्री पहुँचाया जा सके। उन्होंने कहा सरकार को सेब की तरह टमाटर का समर्थन मूल्य देना चाहिए ताकि किसानो को राहत मिल सके।
स्टाक फसल के बाजार में आने से गिरे दाम
टमाटर की बंपर पैदावार बाजार में आना शुरू हो गई है। किसानों का टमाटर हड़ताल की वजह से एक जगह एकत्र हो गया था। वहां पर टमाटर का रेट एकदम गिर गया है। इसके चलते यहां भी टमाटर का रेट गिर गया है। इससे पहले बल्ह घाटी का टमाटर कुल्लू, हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा और जम्मू जा रहा था। पंजाब का टमाटर आते ही यहां पर डिमांड ना के बराबर हो गई है। किसानो का कहना है कि टमाटर की मार्किट पिछले साल के मुकाबले बिल्कुल डाउन है।
पंजाब हरियाणा से इस वर्ष कोई भी व्यापारी टमाटर लेने नहीं आया। इसलिए खेतोँ में पड़ा टमाटर ख़राब हो रहा है। उनका कहना है कि पंजाब और हरियाण में फसल ज्यादा है इसलिए हिमाचल के किसानो को परेशानी झेलनी पड़ रही है। पहले हिमाचल का टमाटर पाकिस्तान भेजा जाता था। लेकिन बॉडर बंद होने से टमाटर का दाम बिल्कुल लुढ़क गया है।
किसान रणजीत सैनी का कहना है कि टमाटर का दाम इस समय बिल्कुल कम है। जिस वजह से किसान खाली हाथ है। बिज के साथ दवाइयां महँगी होने से एक टमाटर का क्रेट 300 में पड़ रहा है। उसे घाटे पर बेचना पड़ रहा है। दवाइयां महँगी मिल रही है। दवाई विक्रेता ज्यादा मुनाफे वाली दवाई बेच रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के लिए कुछ नहीं कर पाई है। किसानों के लिए मोदी सरकार बिल्कुल झूठी साबित हुई है।
किसान मस्तराम सैनी का कहना है कि 150 रूपये से ऊपर टमाटर का दाम नहीं है। आधे से ज्यादा फसल खेतो में बर्बाद हो चुकी है। सरकार किसानों के लिए फिसड्डी साबित हुई है। किसान बैंक से लोन लेकर काम कर रहा है। लेकिन यही हाल रहा तो किसान लोन लोटने में असमर्थ हो जायेगे। उनका कहना है की सरकार किसानो के हित में एड देने और लोन के ऊपर राहत देने पर जल्द विचार करे। अंग्रेजी पढ़िए क्या दी दलील