एमबीएम न्यूज़ /शिमला
प्रदेश को झकझोर कर रख देने वाले बहुचर्चित गुड़िया रेप एंड मर्डर मामले की बुधवार को प्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सीबीआई ने आज एक अर्जी दाखिल करते हुए कोर्ट से मांग की है कि अब वह इस मामले की निगरानी न करे। इसके पीछे सीबीआई ने दलील दी कि गुड़िया मामले के एक अभियुक्त अनिल के खिलाफ सक्षम कोर्ट में ट्रायल शुरू हो गया है।
लिहाज़ा हाईकोर्ट को अब इस मामले की निगरानी करने की जरूरत नहीं है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के लिए अब 9 अगस्त की तारीख तय की है। इससे पहले 29 मई को मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने हाईकोर्ट को अवगत करवाया था कि इस मामले के एकमात्र आरोपी अनिल उर्फ नीलू के खिलाफ सक्षम कोर्ट में आरोपत्र दाखिल कर दिया गया है।
इस आरोप पत्र में 35 पन्ने हैं। कई दस्तावेज शामिल हैं। सीबीआई ने आरोपपत्र में 62 गवाह बनाए हैं। आरोप पत्र में साक्ष्यों सहित बताया गया है कि आरोपी अनिल ने दुष्कर्म के बाद गुड़िया को जघन्य तरीके से मौत के घाट उतारा था। बता दें कि सीबीआई ने बीते 13 अप्रैल को आरोपी को गिरफ्तार कर मामले को सुलझाने का दावा किया था।
आरोपी कांगड़ा जिले के बैजनाथ का मूल निवासी है। चिरानी (पेड़ काटने का काम) का काम करता था। जांच एजेंसी ने उसे शिमला जिले के कोटखाई से गिरफ्तार किया था। बीते वर्ष छह जुलाई को गुड़िया का शव कोटखाई के जंगल में बरामद हुआ था।
दसवीं कक्षा की छात्रा गुड़िया कोटखाई के एक सरकारी स्कूल में पढ़ती थी। वह चार जुलाई को अचानक लापता हो गई थी। पोस्टमार्टम व बिसरा रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि दुष्कर्म के बाद गुड़िया को जघन्य तरीके से मौत के घाट उतारा गया है।