एमबीएम न्यूज़ / शिमला
श्रमिक संगठन सीटू के नेतृत्व में सेंकड़ों मजदूरों ने उपायुक्त कार्यालय शिमला के बाहर 36 घण्टे का महापड़ाव मंगलवार को समाप्त कर दिया। शिमला के उपनगर बीसीएस स्थित डॉयमंड में मजदूरों को नौकरी से बाहर निकालने और तालाबंदी के खिलाफ मजदूरों ने महापड़ाव डाल रखा था।
इस दौरान मजदूरों ने श्रम कानूनों को लागू करने के लिए जोरदार नारेबाजी की। महाधरना के दूसरे दिन डीसी,एसपी व अन्य अधिकारियों से सीटू पदाधिकारियों की लगभग एक घण्टा बातचीत हुई। अधिकारियों ने विश्वास दिलाया कि इस विवाद का हल करने के लिए दो दिन के भीतर दोनों पक्षों को बुलाकर समाधान की कोशिश की जाएगी। सीटू ने पुलिस प्रशासन व श्रम विभाग को चेताया है कि अगर मजदूरों को न्याय न मिला तो आंदोलन तेज होगा।
सीटू जिला महासचिव विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि डायमंड रेस्टोरेंट बीसीएस के बाहर शांतिपूर्वक तरीके से संघर्षरत मजदूरों को पुलिस द्वारा डराया धमकाया जा रहा है व उनके दमन की कोशिश की जा रही है। उन पर झूठे मुकद्दमे दर्ज किए जा रहे हैं। उन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली की कड़ी निंदा की है व इसे पुलिसिया तानाशाही करार दिया है। उन्होंने पुलिस प्रशासन को चेताया है कि अगर मजदूरों के शांतिपूर्वक आंदोलन को पुलिस द्वारा कुचलने की कोशिश की गई तो सीटू उसका करार जवाब देगी। उन्होंने कहा है कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि 100 मजदूरों को न्याय नहीं मिलता है।
उन्होंने ऐलान किया है कि पुलिसिया दमन व डायमंड मालिक की लूट के खिलाफ शिमला शहर के हज़ारों मजदूर न्याय के लिए सड़कों पर उतर जाएंगे। पुलिसिया दमन के खिलाफ शहर में रात को भी सीटू द्वारा प्रदर्शन शुरू कर दिए जाएंगे। सीटू शहर में मजदूरों को न्याय दिलवाने के लिए मशाल जुलूस निकालेगी। सीटू माल रोड़ पर धारा 144 तोड़ेगी। सीटू द्वारा चक्का जाम, गिरफ्तारियां व जेल भरो आंदोलन किया जाएगा।
सीटू ने यह भी ऐलान किया है कि मजदूरों को न्याय दिलवाने के लिए एसपी ऑफिस के बाहर महाघेराव किया जाएगा। सीटू ने ऐलान किया है कि मालिक की तानाशाही व पुलिसिया दमन के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी।