एमबीएम न्यूज़ /नाहन
सिरमौर जिला की पुरातन संस्कृति के सरंक्षण व संवर्धन के दृष्टिगत पारंपरिक गीता, त्यौहारो और ऐतिाहिक धरोहरों का संकलन करके इनका विडियायेग्राफी करके प्रलेखन किया जाएगा ताकि जिला की संस्कृति को पर्यटन से जोड़ा जा सके।
यह जानकारी उपायुक्त सिरमौर ललित जैन ने आज यहां प्रदेश की संस्कृति को पर्यटन से जोड़ने के लिए सांस्कृतिक सर्किट तैयार करने के लिए आरंभ की जा रही “आज पुरानी राहों में” नामक अभिनव योजना की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होने कहा कि इस अभिनव योजना का उददेश्य जिला की प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर के अनछुए पहलुओं का संरक्षण एवं संवर्द्व्रन हेतू जनमानस को विशेषकर युवाओं व पर्यटकों को इस बारे जागरूक करना है ।
उपायुक्त ने बताया कि सिरमौर जिला में पूरे वर्ष स्थानीय देवी देवताओं के नाम पर मेलों के आयोजन के अतिरिक्त अन्य तीज त्यौहार बड़े उत्साह के साथ मनाए जाते है और इन सभी मेले व त्यौहारों का मासिकवार एक कलैंण्डर तैयार किया जाएगा जिसे जिला सिरमौर की वैबसाईट पर डाला जाएगा ताकि देश विदेश से पर्यटक आकर सिरमौर की पुरातन संस्कृति के दर्शन कर सके।
उन्होने कहा कि जिला की एक पर्यटन वैबसाइट तैयार की जाएगी जिसमें सिरमौर के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों, ऐतिहासिक धरोहरों को एवं अनुछुए पर्यटक स्थलों को डाला जाएगा ताकि अर्न्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर जिला सिरमौर अपनी दस्तक दे सके । उन्होने जिला के सभी होम स्टे होटल में पारंपरिक व्यजनों को परोसने के लिए पर्यटन विभाग को निर्देश दिए ताकि होम स्टे होटल में पर्यटकों को सिरमौर की संस्कृति का बोध हो सके । उन्होने पर्यटन विभाग को यह भी निर्देश दिए कि जिला में होम स्टे योजना बारे लोगों को ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर जानकारी दे ताकि लोग इस योजना का लाभ भी उठा सके ।
उन्होने कहा कि सांस्कृतिक सर्किट को स्वरोजगार से जोड़ने पर बल दिया जाएगा। उन्होने कहा कि जिला के बेरोजगार युवाओं का टूरिस्ट गाईड का प्रशिक्षण पर्यटन विभाग के माध्यम से करवाया जाएगा ताकि युवाओं को स्वरोजगार मिल सके । उन्होने कहा कि इस योजना के तहत जिला की पुरातन सांस्कृतिक विरासत का पुर्नजीवित करने के लिए विशेष पग उठाए जाएगें। उन्होने जिला भाषा अधिकारी को निर्देश दिए कि जिला की संस्कृति, ऐतिहासकि धरोहरों, पुराने गीत तथा जिला के प्राचीन मंदिर और धरोहरों के इतिहास का संकलन करके इनकी विडियोग्राफी करने के लिए स्थलों का चयन किया जाए।
इसके अतिरिक्त जिला की ऐतिहाहिक धरोहरों व प्राचीन मंदिरों के इतिहास को संबधित मंदिरों में बोर्ड पर लगाया जाए ताकि युवा पीढ़ी ओर बाहर से आने वाले पर्यअकों को जानकारी मिल सके। इससे पहले जिला भाषा अधिकारी अनिल हारटा ने बैठक में आए सरकारी एवं गैर सरकारी सदस्यों का स्वागत किया और आज पुरानी राहों नामक अभिनव योजना बारे सभी मुददों को क्रमवार बैठक में रखा गया ।
बैठक में सहायक आयुक्त एसएस राठौर, एसडीएम पांवटा एलआर वर्मा, एसडीएम संगड़ाह राजेश धीमान, गैर सरकारी सदस्य मेला राम शर्मा, विद्या नंद सरैक, दीनदयाल वर्मा, अमर सिंह चौहान के अतिरिक्त अन्य सरकारी एंव गैर सरकारी सदस्यों ने भाग लिया।
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