एमबीएम न्यूज/नाहन
आखिर में शिलाई उपमंडल के कांडो भटनोल की दो वर्षीय दीक्षा ने दम तोड़ दिया। अपनी घर की दूसरी मंजिल कीछत पर खेल रही थी। अचानक गिरने से बुरी तरह से चोटिल हो गई। 108 के माध्यम से शिलाई पहुंचा दिया गया, लेकिन हालत नाजुक होने के कारण तत्काल ही पांवटा साहिब रैफर किया गया। 108 एंबूलेंस कर्मियों ने मासूम दीक्षा का जीवन बचाने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी।
आप यह जानकर हैरान होंगे कि शिलाई से पांवटा साहिब के बीच पहाड़ी मार्ग पर एंबूलेंस ने 12 किलोमीटर का सफर मात्र 24 मिनट में पूरा किया, लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। गागटोली के पास मासूम ने दम तोड़ दिया। दर्दनाक मंजर था, माता-पिता समेत हर किसी की आंखें नम हो गई थी। यहां तक की ईएमटी बसंत व पायलट बसंत राम के आंसू भी बह रहे थे।
नम आंखों से बच्ची के पिता सुनील ने कहा कि निश्चित तौर पर 108 एंबूलेंस सेवा ने बच्ची को बचाने की भरसक कोशिश की, लेकिन भगवान को कुछ और मंजूर था। जिला प्रभारी मनोज कलेर ने कहा कि यह जरूरी नहीं कि हर मर्तबा सफलता ही मिल जाए, लेकिन इस मामले में 108 कर्मियों ने बच्ची को बचाने का भरसक प्रयास किया, लेकिन दुखद बात रही कि मेहनत काम नहीं आई।