एमबीएम न्यूज़ / कुल्लू
एनएसजी ने 6001 मीटर उंची देउ टिब्बा चोटी फतेह की। 2 महीने वर्फ से ढ़की रहने वाली यह चोटी को फतेह पाना बहुत कठिन है तकनीकी रूप से महत्व पूर्ण देउ टिब्बा को फतेह पाना अपने आप में महत्वपूर्ण है एनएसजी के 20 सदस्य दलों में से 16 सदस्यों ने इस चोटी को फतेह किया। एनएसजी दल के टैक्निकल एडवाईजर और टैक्निकल डायरेक्टर व्रिगेडियर आशेक अभय ने बताया कि देउ टिब्बा बहुत महत्व पूर्ण चोटी है।
उन्होने कहा कि बर्फबारी, बारिश और ओले के चलते उन्हें चोटी केा फतेह करने में भारी परेशानी का सामना करनापड़ा। यह पश्चिमी हिमालय के पीर पंजाल रेंज मनाली के समीप जगतसुख गांव के दुहांगन घाटी में यह चोटी पडती है। ट्रैक इंडिया आउट डूर के माध्यम से यह चोटी फतेह की गई। ट्रैक इंडिया के डायरेक्टर एवरेस्ट विजेता एंव अटल बिहार वाजपेयी पवतारोहण खेल संस्थान के पूर्व निदेशक राजीव, डायरेक्टर नरेश शर्मा और डायरेक्टर चंदन शर्मा ने इस चोटी को फतेह करने के गुर सिखाए।
देउ टिब्बा पूरे विश्व की सबसे कठिन चोटियों में से एक है। इसके लिए अच्छा प्रशिक्षण होना चाहिए दल के पास इक्पयूमेंट अच्छा होना चाहिए प्रशिक्षण आला दर्जें का होना चाहिए। जवानों ने कहा कि यह अभियान उनका प्री एवरेस्ट के लिए है मई 2019 में एनएसजी के कमांडोज द्वारा एवरेस्ट को फतेह करना एकमात्र लक्ष्य है तथा अब वे टिब्बा फतेह कर मनाली वापिस पहुंच गए हैं।