एमबीएम न्यूज़/पांवटा साहिब
प्रदेश के मैदानी इलाकों में शनिवार की रात से लगातार हो रही बारिश ने क्षेत्रवासियों को गर्मी से खासी राहत प्रदान की है। वहीं मानसून की शुरुआत में हुई यह बारिश पांवटा साहिब के किसानों के लिए वरदान साबित हुई है। पिछले करीब 15 दिनों से यहां के किसान वर्षा के इंतजार में थे। सिंचाई के पर्याप्त साधनों की कमी के चलते यहां की खेती पूर्णतः वर्षा पर ही निर्भर है। खासकर धान की फसल की रोपाई के लिए यह वर्षा अमृत बनकर बरसी है, जिसके बाद क्षेत्र में किसानों में खुशी की लहर है।
मैदानी इलाकों में गेहूं व धान की खेती मुख्य आजीविका का साधन है और इस मौसम में लगाई जाने वाली धान की खेती पूर्णता वर्षा पर ही निर्भर है। पांवटा साहिब में हज़ारो 6 हैक्टेयर भूमि में प्रतिवर्ष करीब डेढ लाख क्विंटल चावल का उत्पादन होता है, जिसमें अव्वल दर्जे की बासमती भी शामिल हैं। पांवटा साहिब के आसपास के सभी गांवों में किसानों ने बीते दिन हुई इस वर्षा के बाद धान की रोपाई शुरू कर दी है। ग्राम हरिपुर टोहाना निवासी हरदेव सिंह व महेंद्र सिंह ने बताया कि मानसून की शुरुआत में हुई।
इस वर्षा ने खेतों की नमी को बढ़ा दिया है, जिससे धान की रोपाई का कार्य शुरू कर दिया गया है। सिंचाई के पर्याप्त संसाधन उपलब्ध न होने के कारण यहां के किसान पूर्णतः वर्षा पर ही निर्भर है। जहां एक ओर इस वर्षा ने भीषण गर्मी से राहत दी है, वही यह वर्षा किसानों के लिए वरदान साबित हुई है। धान(चावल) जैसी फसलें पूर्णतः पानी पर ही निर्भर रहती हैं जिसके लिए रोपाई के वक्त और उसके बाद समय-समय वर्षा का होना अतिआवश्यक है।
उत्तर प्रदेश के जिला पीलीभीत व बरेली आदि स्थानों से यहां आजीविका कमाने आए प्रवासी मजदूरों में भी खुशी की लहर है। ग्राम हरिपुर टोहाना व शिवपुर, बांगरन, जामनीवाला आदि के स्थानीय किसानों के यहां मजदूरी करने आए उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों महेश, मोहन, राजेश आदि ने बताया कि हर वर्ष वे लोग यहां पर धान की फसलों की कटाई व रोपाई के लिए आते हैं, जिससे उन्हें रोजगार प्राप्त होता है। उन्होंने बताया कि इस साल वर्षा की कमी से धान की फसल की रोपाई में तकरीबन 10 से 15 दिन की देरी हुई है।
बीते शनिवार की रात से रविवार की दोपहर तक लगातार हुई मूसलाधार वर्षा के बाद रविवार सुबह से ही धान की रोपाई का कार्य शुरू कर दिया गया है। जोकि आगामी 2 से 3 दिन में पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह वर्षा गर्मी से राहत देने के साथ ही उन्हें भी रोजगार का वरदान दान देने वाली साबित हुई है।
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