वी कुमार/मंडी
वर्ष 2016 में स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण स्वच्छता में पुरस्कार प्राप्त करने वाले जिला में अब सार्वजनिक शौचालय निर्माण पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए 90 प्रतिशत राशि सरकार द्वारा मुहैया करवाई जा रही है। अभी तक जिला में 140 सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है।
भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिला पूरे देश में एक नई मिसाल बनकर उभरा है। यह जिला वर्ष 2016 में ग्रामीण स्वच्छता में देश भर में अव्वल आंका गया था। 2016 तक जिला में कोई घर ऐसा नहीं था जिसके पास अपना शौचालय नहीं हो। इस उपलब्धि को हासिल करने के बाद अब जिला प्रशासन सार्वजनिक शौचालय निर्माण पर जोर दे रहा है।
पूरे जिला के ग्रामीण इलाकों में प्रशासन ने 281 सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण का लक्ष्य रखा था, जिसमें से अभी तक 140 शौचालय बनकर तैयार हो चुके हैं जबकि बाकी शौचालयों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसमें खास बात यह है कि सरकार द्वारा सार्वजनिक शौचालय निर्माण के लिए 90 प्रतिशत धनराशि मुहैया करवाई जा रही है।
डीसी ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि निर्धारित लक्ष्य के अलावा जहां से भी सार्वजनिक शौचालय निर्माण की डिमांड आ रही है उसे भी जल्द से जल्द पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि लक्ष्य से अधिक काम किया जा सके। उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिला 5 वर्षों में 113 करोड़ की राशि क्लेम कर सकता है जबकि अभी तक3 6 करोड़ की राशि क्लेम करके खर्च की जा चुकी है।
ऋग्वेद ठाकुर, डीसी मंडी
वहीं स्वच्छ भारत मिशन के तहत ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन पर भी जिला प्रशासन पूरा ध्यान दे रहा है। इसके तहत जिला की सभी 469 पंचायतों को कवर किया जाना है। अभी तक 212 पंचायतें कवर हो चुकी हैं जबकि 257 पंचायतों में यह कार्य जारी है। डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि इन पंचायतों को भी जल्द हीकवर कर लिया जाएगा।
ऋग्वेद ठाकुर, डीसी मंडी
ज्ञात रहे कि यह सिर्फ जिला का ग्रामीण स्वच्छता मिशन है। इसमें शहरी क्षेत्र शामिल नहीं हैं क्योंकि वहां के लिए शहरी निकायों की तरफ से अलग योजनाएं बनाई जा रही है। ग्रामीण इलाकों कास्वच्छता अभियान शहरी क्षेत्रों से कहीं आगे निकलता हुआ नजर आ रहा है।