हमीरपुर (एमबीएम न्यूज़) : क्षेत्र में अभी तक चार तेंदुओं की मौत हो चुकी हैं। मौतों का यह रिकॉर्ड वर्ष 2017-18 का है। इससे पूर्व के वर्षों की अपेक्षा इस बार तेंदुओं की ज्यादा मौतें हुई हैं। लंबलू, भोटा, भोरंज सहित अन्य इलाकों में तेंदुए मृत मिले थे। File Pic
वन विभाग मुख्यालय ने विभाग से पिछले एक साल में हुई तेंदुए की मौतों के पीछे रहे कारणों का रिकॉर्ड मांगा है। इसके कारणों के सामने आने के बाद विभाग नए सिरे से तेंदुओं के लिए रणनीति तैयार करेगा। क्षेत्र में यह मृत तेंदुए गांव के आस-पास ही मिले थे।
विभाग ने इन तेंदुओं को कब्जे में लेकर और इनका पोस्टमार्टम करवाकर इनको जला दिया। प्रारंभिक जांच में पाया गया था कि इन तेंदुओं की मौत बीमारी या ठंड के कारण हुई है। हमीरपुर में पिछले एक साल में यह आंकड़ा बढ़ा है। क्षेत्र में तेंदुए की दहशत तो बढ़ी, साथ ही तेंदुए की मौतें भी सामने आई हैं। अब विभाग को पिछले एक साल में मृत तेंदुए की मौत की रिपोर्ट तैयार करनी पड़ेगी। दरअसल कुछ मामलो में तेंदुओं को शव से अंग भी गायब पाये गए लिहाजा संशय हत्या का भी पैदा होता है।
वन विभाग डीएफओ प्रीति भंडारी का कहना है कि जिला में चार तेंदुओं की मौत हो चुकी है। डीएफओ ने कहा कि प्रदेश मुख्यालय से मौत के कारणों का रिकॉर्ड मांगा गया है, जिसे तैयार किया जा रहा है।