धर्मपुर (मंडी)/उमेश ललित : कई वर्षों से बिस्तर पर लाचार पड़ी हिम्मती देवी मदद की आस में मौत से हार बैठी। इलाज के लिए पैसे न जुटने का अफसोस पूरे परिवार को है। उपमंडल की पैहड पंचायत के कुल्हान गांव की हिम्मती देवी (72) गत आठ वर्षों से गंभीर बीमारी के कारण बिस्तर पर थी।
अंतिम साँस तक इमदाद की लगाए रही उम्मीद बेटा देश राज दिहाड़ी लगा कर पांच सदस्यों का पेट पालता है। अभावों के कारण बीमार मां का महंगा इलाज नहीं करा पाया। हालांकि धर्मशाला से ताल्लुक रखने वाले समाजसेवी संजय शर्मा ने परिवार को राशन से लेकर अन्य जरूरी साधनों के लिए मदद की। उन्होंने एसडीएम धर्मपुर से भी दो बार मुलाकात कर इस वृद्ध महिला की सहायता करने की गुहार लगाई, लेकिन आश्वासन के अतिरिक्त कुछ हासिल नहीं हुआ।
काबिले जिक्र है कि हिम्मती देवी को पंचायत दिव्यांग अथवा वृद्धावस्था पेंशन की अनुशंसा नहीं कर पाई जिससे पंचायत प्रतिनिधियों की जवाबदेही पर सवाल उठना लाजमी है। मामले की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी गई है। हिम्मती देवी की गरीबी और बीमारी से धर्मपुर के एसडीएम को कई बार अवगत कराया गया।
तत्कालीन एसडीएम किशोरी लाल स्वंय महिला के घर जाकर आधार कार्ड और वोटर कार्ड बनाने का आश्वासन देते रहे, लेकिन कभी मौके पर नहीं गए। उसके बाद दूसरे एसडीएम जो एक आईएएस अधिकारी थे, ने भी आश्वासन का ही झुनझुना थमाया। स्थानीय विधायक जो पिछले 30 सालों से सत्ता संभाले हुए हैं, ने भी आवेदन के बावजूद कोई सहायता नहीं की।मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से आग्रह है कि इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए कि एक जरूरतमंद वृद्धा को सरकारी योजना का लाभ क्यों नहीं मिल पाया।
धर्मपुर के तहसीलदार मनफूल सिंह ने कहा कि समाजसेवी संजय शर्मा की अगुवाई में ललित डे केयर सेंटर सरसकान ने लाचार हिम्मती देवी के बारे में प्रशासन को अवगत कराया था उसे पेंशन लगाने के लिए जिला कल्याण अधिकारी को लिखा गया था। हिम्मती देवी की मौत दु:खद है।
उधर खंड विकास अधिकारी गुनजीत सिंह चीमा का कहना था कि हिम्मती देवी की मौत का बेहद अफसोस है। परिवार के पास रहने के लिए एक कमरा उपलब्ध है। कोशिश की जाएगी कि उनके लिए आवास स्वीकृत हो सके।