मंडी(वी कुमार): अरण्यपाल मंडी उपासना पटियाल की अध्यक्षता में वन्यप्राणी कार्यालय लारजी में संपन्न हुई। पंडोह व थाची रेंज
के वन परिक्षेत्राधिकारियों, वन खंड अधिकारियों व वन रक्षकों की बैठक में यह मांग उठाई गई कि जो भी संवेदनशील वन वीटें हैं वहां पर नए वन रक्षकों को न लगाया जाए बल्कि उनकी जगह पर परिपक्व व अनुभवी वन रक्षकों को तैनात किया जाए।

इस मांग के पीछे होशियार सिंह वन रक्षक की मौत जैसे घटनाक्रमों को रोकना है। बैठक में यह भी मांग की गई कि निचले स्तर के कर्मचारियों की स्थानांतरण नीति में बदलाव होना जरूरी है। कहा गया कि कई कर्मचारी ऐसे हैं जो अपनी सेवाएं कई सालों से एक ही डिविजन व एक ही रेंज में दे रहे हैं जो सही नहीं है।
बैठक में वन परिक्षेत्राधिकारी के पास एक लिपिक व एक गाड़ी होना जरूरी है ताकि सही मायने में जंगलों की रखवाली के लिए काम किया जा सके। वन परिक्षेत्राधिकारी पंडोह एवं फारेस्ट रेंजर आफिसर वेल्फेयर समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष पीर सहाय ठाकुर ने बताया कि बैठक में यह मांग भी उठाई गई कि वन विभाग में जितने भी आवास व कार्यालय हैं उन्हें जो जरूरी मरम्मत व अन्य कार्य के लिए हर साल राशि प्राप्त होती थी उसे इस वित्त वर्ष के तहत पूर्ण रूप से उपलब्ध करवाया जाए जो कि अभी तक उपलब्ध नहीं करवाई गई है।
पीर सहाय ठाकुर ने बताया कि इस बैठक में वन मंडलाधिकारी नाचन टीआर धीमान ने भी भाग लिया। रेंज स्तर पर शुरू की गई इस तरह की बैठकों के लिए अरण्यपाल की पहल का स्वागत करते हुए कहा गया कि इससे विभाग की निचले स्तर की कारगुजारी की सारी फीडबैक मिल जाती है और कर्मचारियों की समस्याओं का भी निपटारा हो जाता है। यह भी कहा कि बैठक में उठने वाले मुद्दों व चर्चा को यहां तक ही सीमित न करके इसे अमलीजामा पहनाने पर ध्यान दिया जाए। बैठक में कई तरह की कमियों व मांगों पर चर्चा की गई।