मंडी (वी कुमार) : मार्शल आर्ट में कराटेए कुम्फू और ताईकवांडो के जनक माने जाने वाले कल्लरीपयट्टू मार्शल आर्ट का अब प्रदेश में प्रशिक्षण हासिल हो पाएगा। कराटे के क्षेत्र से जुड़े लोगों ने आल इंडिया कल्लरीपयट्टू फैडरेशन के साथ मिलकर प्रदेश में मार्शल आर्ट की इस कला के प्रशिक्षण को शुरू कर दिया है। शुरूआत हुई है मंडी के विश्वकर्मा मंदिर से। यहां पर कल्लरीपयट्टू मार्शल आर्ट को लेकर दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है जिसमें प्रदेश भर से आए लगभग 60 कराटे प्रशिक्षु भाग ले रहे हैं।

इन प्रशिक्षुओं को केरल से आए सेन्सई शाजी एसण् कोटारम प्रशिक्षण देने के लिए यहां आए हुए हैं। शाजी एसण् कोटारम ने बताया कि कल्लरीपयट्टू मार्शल आर्ट देश की सबसे पुरानी मार्शल आर्ट पद्दति है। उन्होंने बताया कि आल इंडिया कल्लरीपयट्टू फैडरेशन के साथ इस वक्त देश के 26 राज्य जुड़े हुए हैं और वहां पर इस कला का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अब हिमाचल प्रदेश में भी इसकी शुरूआत कर दी गई है। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण के बाद दिसंबर महीने में इससे संबंधित एक परीक्षा का आयोजन भी किया जाएगा।
कोटारम ने हिमाचल प्रदेश कल्लरीपयट्टू मार्शल आर्ट एसोसिएशन को नई शुरूआत करने पर बधाई दी और हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया। वहीं एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष जोगिंद्र सिंह आजाद ने बताया कि इस कला को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस खेल को ओलंपिक में भी शामिल किया गया है ताकि अधिक से अधिक खिलाडि़यों को इसका लाभ मिल सके।