हमीरपुर(एमबीएम न्यूज़): शिमला-धर्मशाला फोरलेन के कारण नादौन में बाईपास बनाने की संभावनाएं तालाशने के लिए कंपनी द्वारा फिर से सर्वेक्षण करवाया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इससे पहले डीपीआर का कार्य गत मई माह में पूरा हो चूका है। परंतु कंपनी का मानना है कि इस फोरलेन की जद में कम से कम घर आएं ताकि लोगों को होने वाले नुक्सान को कम किया जा सके। इसी संदर्भ में नादौन के साथ लगते टिल्लू तथा बेला गांव के कई भागों में कंपनी के अधिकारियों द्वारा फिर से सर्वेक्षण किया जा रहा है।

डीपीआर बनाने के लिए कार्य कर रही आईसीटी कंपनी के सहायक प्रबंधक सचिन श्रीवास्तव ने बताया कि नादौन में सर्वेक्षण द्वारा यह देखा जा रहा है कि यहां बाईपास निकालने में ज्यादा घरों को नुक्सान होगा या बाईपास ना निकालने से। उन्होंने बताया कि कंपनी का मानना है कि जहां-जहां ऐसी परिस्थितियां हैं वहां पर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सड़क के लिए ऐसे विकल्प चुने जाएं जहां पर लोगों के कम से कम घरों को नुक्सान हो।
जहां पर लग रहा है कि सीधी लाइन से ज्यादा नुक्सान हो रहा है वहां पर सड़क की लाइन को बदलने के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि नादौन हमीरपुर एनएच पर शहर के पशु औषधालय के पास से लाइन को टिल्लू गांव की ओर से हाते हुए बेला गांव के बीचों बीच ब्यास पुल तक यह सर्वेक्षण किया जा रहा है। ताकि नादौन में बाईपास की संभावनाओं को तालाशा जा सके।