बिलासपुर (अभिषेक मिश्रा): विवादों के साय में रहने वाली एशिया की सबसे बड़ी परिहवन सहकारी सभा में फिर से दरार पड़ गई है। मौजूदा कार्यकारिणी के कुल 21 में से 13 सदस्यों ने सभा की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाते हुए सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं जिला को ज्ञापन सौंप वर्तमान कार्यकारिणी को तुरंत प्रभाव से निरस्त करने की जोरदार मांग उठाई है। सभा की कार्यशैली से नाखुश सदस्यों का आरोप है कि कार्यकारिणी के चंद पदाधिकारी ट्रक ऑपरेटरों के बजाय अपने व्यक्तिगत स्वार्थों की पूर्ति तक ही समिति हैं।
सोमवार को सभा के पूर्व अध्यक्ष जीतराम गौतम की अध्यक्षता में हुई बैठक में कहा गया कि पूर्व सभा द्वारा बीते दो नवंबर को कार्यकारिणी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित करते हुए सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं जिला से इस मामले में आगामी कार्रवाई की मांग की गई थी। उन्होंने कहा कि सहायक पंजीयक द्वारा उन्हें पत्र संख्या 3042 के तहत जवाब दिया है कि 19 फरवरी 2015 को सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार कार्यकारिणी के गठन से लेकर आगामी दो वर्षों तक इस प्रकार की कार्रवाई अमल में नहीं लाई जा सकती है।
जबकि असंतुष्टों की 13 सदस्यीय टीम ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा इस मामले में जारी आदेशों का हवाला देते हुए कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा इसी वर्ष 25 मई को कहा कि अब इस नियम में परिवर्तन किया जा सकता है। इसी के तहत उन्होंने सोमवार को सहकारी पंजीयक से मुलाकात कर सभा से जुड़े हजारों ट्रक आपरेटरों के हितों की रक्षा के लिए वर्तमान कार्यकारिणी को निरस्त कर नई कार्यकारिणी का फिर से गठन करवाए जाने की मांग की है।
गौर हो कि बीडीटीएस में वर्तमान में कुल 21 सदस्य हैं। बीते 31 मार्च को चुने हुए अधिकांश सदस्यों ने नवगठित कार्यकारिणी को अपना समर्थन दिया था, लेकिन अब सभा के 13 सदस्यों ने ही बगावत का बिगुल बजा दिया है। ज्ञापन देने वालों में कुलदीप, राकेश, कश्मीर,गंगा सिंह, शेर सिंह, राजेश, रोशन लाल, राम कुमार, रविंद्र सिंह, कमल किशोर, पवन कुमार, राजेश कुमार ठाकुर शामिल रहे।