हमीरपुर(एमबीएम न्यूज़): जिला वन मंडल तेंदुए के संघर्ष और टकराव से बचाव के लिए प्लान तैयार करेगा। इसके लिए वन विभाग के कर्मचारियों को वन क्षेत्र में तेंदुए की गतिविधियों को लेकर एक वैज्ञानिक सर्वेक्षण का कार्य भी दिया गया है। मंगलवार को जिला के हमीर होटल में एक प्रशिक्षण कार्यशाला भी आयोजित की गई, जिसमें वैज्ञानिक सलवादर लिंगदोह ने वन विभाग के कर्मचारियों को जिला वन मंडल में मानव तेंदुए के संघर्ष का आकलन करने व वन्य जीव परिप्रेक्ष्य से संबंधित क्षेत्रों की पहचान करने के लिए, तेंदुए की आबादी और शिकार आधार का अनुमान लगाने के लिए सर्वेक्षण विधि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
इस अवसर पर जिला अरण्यपाल वन वृत अनिल जोशी ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि वन मंडल जिला का कुल क्षेत्रफल 1118 वर्ग किलोमीटर है और इस वन मंडल के अधीन पांच वन रेंज 15 वन ब्लॉक और 70 वन बीटस हैं। डिवीजन के लगभग सभी क्षेत्र में मानव और तेंदुए के संघर्ष के कई मामलों की सूचना दी जा रही है, लेकिन मानव और तेंदुए के संघर्ष की गंभीरता का आकलन करने के लिए आज तक कोई सर्वेक्षण नहीं किया गया है और ना ही संघर्ष क्षेत्र को पहचानने और उसे उजागर करने के लिए किया गया है।
वर्तमान समय में मानव वन्यजीव संघर्ष एक चुनौतीपूर्ण मुद्दा बन गया है। क्षेत्रीय डिवीजनों के कर्मचारी इसका सामना नियमित आधार पर करते हैं। यदि इस सर्वेक्षण को फील्ड क्षेत्र में किया जाता है तो इससे बेहतर योजना बनाने और ऐसे मुद्दों से निपटने में संबंध की नीतियों को विकसित करने में मदद मिलेगी।
इससे पहले डीएफओ प्रीति भंडारी ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए कार्यशाला के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इसमें ओपी सोलंकी मुख्य अरण्यपाल धर्मशाला वृत्त भी शामिल हुए। कृष्ण कुमार वन मंडल अधिकारी वन्य प्राणी जिला और डॉ मनीष रामपाल जिला सहायक अरण्यपाल द्वारा किया गया। इस कार्यशाला में वन मंडल के सभी क्षेत्रीय कर्मचारी और अधिकारियों ने भाग लिया।