सुंदरनगर(एमबीएम न्यूज़): शौचमुक्त मंडी जिला को मिला अवार्ड हकीकत में बेमानी है। दरअसल जिला सिर्फ कागजो में ही शौचमुक्त है। विभिन्न क्षेत्रो में स्थित स्लम बस्तियां आज भी शौचमुक्त नही हो पाई है। सैंकड़ो खानाबदोश जो जिला के विभिन्न क्षेत्रो में पिछले कई दशको से रह रहे है, उनके पास न तो शौचालय की व्यवस्था है, न ही कूड़ा-कचरा को ठिकाने लगाने की व्यवस्था।

ऐसी ही मलिन बस्ती स्थित है सुंदरनगर शहर के रोपा चांदपुर में जहाँ झुंगी झोपडिय़ों में रहने वाले प्रवासियों का जीवन किसी नर्क से कम नहीं है। ठंड भरे मौसम में यहां पर खुले आसमान के नीचे 50 के करीब परिवार नरकीय जीवन बसर करने को विवश हैं। लेकिन यहां पर सुविधा के नाम पर कोई भी काम नहीं हुआ है। न तो बिजली की व्यवस्था है और न ही शौचालय का प्रबंध है। जिससे स्वच्छ भारत अभियान की मुहिम को गहरा आघात पहुंचा है। प्रवासी लोग यहां पर खुले में शौच करने को विवश है।
जिससे यहां साथ में आईपीएच विभाग की सट्टी उठाऊ पेयजल योजना की आपूर्ति की गुणवत्ता भी सवालों के कटघरे में आ गई है। गंदगी भरे एरिया से पानी का रिसाव सीधे तौर पर पेयजल टैंक की ओर हो रहा है। अगर समय रहते इस बस्ती में शौचालय की व्यवस्था नहीं की गई तो आने वाले समय में कोई भी बीमारी फुट सकती है। रविवार को इस बात को लेकर वसुधा संस्था व जवाहर लाल नेहरू राजकीय इंजीनियरिंग का कॉलेज के एनएसएस के स्वयंसेवियों में काजल, प्रदीप शर्मा, दीक्षित, प्रतिभा, शालिनी, प्रेमी, पूनम, अलीशा शर्मा, चाद ग्रेवाल, धनंजय ठाकुर, रुबिन सिंह, रितेश, राज, अभिषेक राणा, वसुधा की पीआरओ सुषमा का दौरा किया और प्रवासी लोगों के परिजनों व बच्चों से रूबरू हुए।
सुषमा का कहना है कि यहाँ इन लोगों का जीवन यापन सामान्य नहीं है। जगह-जगह पर गंदगी, शौच के ढ़ेर लगे हुए है। पिछले दौरे के दौरान अईपीएच की मदद से पेयजल की आपूर्ति को लेकर नल स्थापित कर दिया गया है। नगर परिषद इस एरिया को पंचायत की परिधि में होने की बात कह कर सिर नहीं उठा रही है तो पंचायत भी सारा ठिकरा नगर परिषद के सिरे फोड़ रही है।कोई भी प्रवासियों के लिए सामुदायिक शौचालय बनाने को लेकर हामी भरता नजर नहीं आया है। वसुधा संस्था इस एरिया को मूलभूत सुविधाओं से लैस करने का बीड़ा उठाया है। इससे पहले भी संस्था के प्रयासों से बीएसएलएल एरिया और नौलखा में प्रवासियों को सुविधाएं जुटाने में सफल हुए है। अब आने वाले समय में देखते है कि यहां पर शुरू की गई मुहिम क्या रंग लाती है।