हमीरपुर( एमबीएम न्यूज़ ): रक्त के अभाव में अब जिला में किसी की जान नहीं जा सकेेगी। समाज के प्रति बेहतर करने की सोच में जिला एक मिसाल बन
गया है। जिला में ब्लड डोनेशन ग्रुप ने यह नई मिसाल तैयार की है। 23 सितंबर 2016 को बनाए गए इस ग्रुप ने अब तक 3448 लोगों को रक्त के अभाव में रक्त उपलब्ध करवाकर उनकी जान की रक्षा में सहयोग किया है। करीब 190 लोगों के साथ 110 लोग अलग-अलग जिला से इस ग्रुप में शामिल है। इन 300 लोगों के सहयोग से अब जिला ही नहीं टांड़ा मैडिकल कॉलेज व आईजीएमसी शिमला तक रक्त का सहयोग किया जा रहा है।

महादान के इस योगदान में जिला के युवा अहम भूमिका निभा रहे है। व्हाट्सप्प पर एक वर्ष पहले इस रक्तदान ग्रुप का गठन पेशे से चिकित्सक डा. पुष्पेंद्र वर्मा ने तैयार किया था। चंद लोगों को इसमें जोड़ा गया। चंद लोगों को इसमे जोड़ा गया धीरे-धीरे आंकड़ा 300 तक पहुंच गया। ग्रुप में सभी दानी भी नहीं है। लिहाजा ऐसे लोगों को ग्रुप से बाहर करने का प्रावधान सभी सदस्यों को एडमिन बनाकर किया गया है। सोशल मीडिया की सकारात्मक सोच को लेकर जिला में दुख के समय निकलने वाले आंसूओ को पोछने के लिए ग्रुप के सदस्य खून लेकर आगे आते है। इस बेहतर सोच की शुरूआत करने वाले डा. पुष्पेंद्र की माने तो अस्पताल में कई बार रक्त की कमी हो जाती है।
ऐसे में रक्तदान केंद्र में लगाए गए रजिस्टर से लोगों के नाम खंगालने उपरांत उन्हें फोन करने पड़ते हैं। ऐसे में कई लोग या तो खून देने में गुरेज करते हैं या फिर लोग कहीं दूर होते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए उनके मन में यह एक नई सोच पैदा हुई कि व्हाट्सप्प पर रक्तदान का एक ग्रुप तैयार किया जाए। ग्रुप में शामिल हर व्यक्ति एडमिन की भूमिका निभा कर और लोगों को इसके साथ जोड़ेगा। जरुरत पडऩे पर ग्रुप पर मैसेज के जरिए रक्त ग्रुप पोस्ट किया जाएगा। अब ग्रुप पर रक्त की जरुरत का मैसेज पोस्ट होते ही संबंधित ग्रुप का व्यक्ति मैसेज के जरिए आगे आ जाता है और तुरंत खून की व्यवस्था हो जाती रही है।
एंडरायड फोन का इस्तेमाल ऐसे भी
आधुनिक तकनीक का सही इस्तेमाल क्या होता है इसका प्रमाण यहां से मिला है। भावी पीढ़ी को इससे सबक लेना होगा। एंडरायड फोन का युवक दुरुपयोग कर रहे हैं। जबकि इस सुविधा का सही उपयोग यही है कि जरुरत पडऩे पर हम एक-दूसरे के काम तुरंत आ जाएं और इसी की मिसाल जिला के ब्लड डोनेशन ग्रुप ने तैयार की है।