नाहन (एमबीएम न्यूज) : गर्भवती महिला की प्रसव पीड़ा इस कद्र थी कि घर से सडक़ तक भी नहीं पहुंच पा रही थी। 108 एंबूलेंस सेवा देने को तत्पर थी। लेकिन आशा लडख़ड़ा रही थी, लिहाजा ईएमटी विक्रान्त पुंडीर व पायलट देविंदर ने खुद ही पैदल चलने का फैसला लिया।
घर व एंबूलेंस के बीच आपात स्थिति पैदा हो गई। लिहाजा सुबह 10:25 बजे कैलाश गांव की रहने वाली महिला की रास्ते में ही डिलीवरी करवाने का फैसला लिया गया। ईएमटी की सूझबूझ व तुरंत लिए गए निर्णय से महिला की गोद में बेटे की किलकारी गूंज उठी। परिवार के चेहरे पर खुशी की लहर देखने वाली थी।