शिमला (एमबीएम न्यूज़) : पूर्व केंद्रीय मंत्री और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा है कि हिमाचल में कांग्रेस पार्टी विकास के
मुददे पर चुनाव लड़ रही है और चुनाव जीतकर पार्टी फिर सत्ता पर काबिज होगी। आज यहां पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में सचिन पायलट ने कहा कि बीते पांच साल में वीरभद्र सरकार ने विकास के अनेक कार्य कर प्रदेश की जनता को राहत पहुंचाई है। यही कारण है कि वीरभद्र सिंह कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के चेहरे हैं। वह अनुभवी, दृढ संकल्प और सक्ष्म व्यक्तित्व वाले हैं और पूरी कांग्रेस पार्टी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। मोदी सरकार अपने नोटबंदी और जीएसटी के फैसलों से बैकफुट पर है और घबराहट में भाजपा ने यहां अपना सीएम का चेहरा घोषित किया है।

सचिन पायलट ने आगे कहा कि हिमाचल में भाजपा को अपनी हार का भय सता रहा है। इसी कारण केंद्रीय नेताओं की फौज यहां चुनाव प्रचार में लगा दी गई है। इससे भाजपा की बौखलाहट साफ तौर पर देखी जा सकती है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर प्रदेश की जनता के साथ वादा खिलाफी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि साल 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले मोदी ने रेल लाईन बनाने और सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने के वायदे किए थे। लेकिन इन्हें पूरा करना तो दूर, बीते साढ़े तीन साल में केंद्र सरकार ने हिमाचल को फंड देने में भी कंजूसी बरती। हिमाचल को धनराशि जारी करने में मोदी सरकार ने पक्षपात की नीति को अपनाया और अब विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता भाजपा को इसका जवाब देगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा को भ्रष्टाचार के मसले पर बोलने का अधिकार नहीं है। भाजपा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे सुखराम को पार्टी में शामिल किया, जिनके भ्रष्टाचार के मामले पर भाजपा दो हफते तक संसद ठप्प कर चुकी है। ऐसी नीति भाजपा उतराखंड और नार्थ ईस्ट स्टेटों में भी अपना चुकी है। उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार सीबीआई और ईडी एजेंसियों का उपयोग कांग्रेस नेताओं को प्रताडि़त करने में कर रही है। वीरभद्र की बेटी की शादी के दिन उनके घर पर सीबीआई की रेड करवाई गई थी। गैर भाजपा नेताओं की छवि बिगाड़ने में केंद्रीय जांच एजेंसियों को इस्तेमाल किया जा रहा है। भाजपा शासित राज्य एमपी में सामने आए व्यापम घोटाले में सीबीआई व ईडी ने वहां के सीएम शिवराज सिंह चौहान से एक बार भी पूछताछ नहीं की है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के नोटबंदी और जीएसटी के फैसलों से देश की अर्थव्यवस्था को चोट पहुंची है। नोटबंदी के बाद भुखमरी, लाचारी और बेरोजगारी में बेहताशा बढ़ोतरी हुई है। नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री ने देश की जनता से 50 दिनों की मांग का आग्रह किया था, लेकिन अब 365 दिन बीत जाने पर भी हालात जस के तस बने हुए हैं। भाजपा जुमलेबाज पार्टी है और इस बात का आभास अब देश की जनता को होने लगा है।