धर्मशाला (एमबीएम न्यूज़): रोज कोई न कोई बहाना बनाकर चुनाव ड्यूटी से छुटकारा पाने की जुगत में लगे अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जि
ले के निर्वाचन अधिकारी स्वयं उदाहरण प्रस्तुत कर प्रेरित करने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसा ही एक प्रेरक प्रसंग सामने आया है कांगड़ा के एसडीएम एवं निर्वाचन अधिकारी धर्मेश रामोत्रा का। वे स्वयं तो दिनरात चुनावी ड्यूटी में डटे ही हैं, उनकी पत्नी की भी ड्यूटी पीठासीन अधिकारी के तौर पर धर्मशाला में लगी है।

धर्मेश रामोत्रा बताते हैं कि पत्नी अनुराधा सरकारी स्कूल में फिजिक्स की प्राध्यापक हैं, घर में दो बच्चों की जिम्मेदारी है, लेकिन चुनावी ड्यूटी तो बड़े गर्व और महत्व का कार्य है..और कोई न कोई समस्या तो हमेशा ही रहेगी। इस बारे जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त सीपी वर्मा का कहना है कि सभी अधिकारी एवं कर्मचारी इस प्रकार की व्यक्तिगत नजीरों से कर्तव्यनिष्ठा की बड़ी सीख ले सकते हैं। अनेक अधिकारी एवं कर्मचारी बहानों का सहारा लेकर ड्यूटी कैंसिल करवाने के लिए बार-बार एसडीएम और डीसी ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं।
अधिकारी एवं कर्मचारी छोटी मोटी बातों की आड़ लेकर अगर जिम्मेदारी से कन्नी काटेंगे तो गलत परंपरा पनपेगी। फिर चुनाव में ड्यूटी तो बड़ा अहम कार्य है। हमारी देश के लोकतंत्र को मजबूत करने की प्रक्रिया में व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी है। गौरतलब है कि चुनाव में पीठासीन अधिकारियों एवं पोलिंग अधिकारियों की बड़ी अहम भूमिका होती है। बूथ पर व्यवस्था से लेकर संपूर्ण मतदान प्रक्रिया संपन्न करवाने में इनकी भूमिका अहम है