शिमला (एमबीएम न्यूज़) : हिमाचल के चुनावी दंगल में भाजपा व कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं व स्टॉर प्रचारकों के बीच जुबानी जंग तेज होती जा रही है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सूरजेवाला ने हिमाचल में भाजपा के चुनाव प्रचार पर सवाल खड़े किए हैं। सूरजेवाला ने आज यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि भाजपा का पूरा चुनाव प्रचार पैसों के बल पर चल रहा है और यहां पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है। विज्ञापन से लेकर अपने नेताओं के चौपरों, पोस्टर, बैनर इत्यादि पर करोड़ों रूपये खर्च हो रहे हैं। प्रचार के लिए इतनी अकूट धनराशि भाजपा ने कहां से एकत्रित कर ली, इस पर भाजपा नेताओं को स्पष्ट करना चाहिए।

सूरजेवाला ने कहा कि भाजपा की कोशिश चुनाव प्रचार में बेशुमार धन लगाकर वोटरों पर प्रभाव डालने की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरल तरीक से लेकिन जमीन से जुड़कर चुनाव प्रचार कर रही है। 82 वर्षीय मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भाजपा नेताओं की तरह चौपरों से जाने की बजाय साधारण वाहनों में प्रचार के लिए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य का चुनाव धनधारकों और जनधारकों के बीच है। भाजपा पैसे और बाहुबल के दम पर सीबीआई व ईडी जांच एजेंसियों का दुरूपयोग कर हिमाचल के जनमत का जबरण अपहरण करने का प्रयास कर रही है। लेकिन देवभूमि की जनता समझदार है और वह अपनी वोट की ताकत से इसका जवाब देगी।
हिमाचल के चुनाव प्रचार में कांग्रेस के बेहद कम राष्ट्रीय नेताओं के आने संबंधी सवाल पर सूरजेवाला ने कहा कि यहां चुनाव प्रचार के लिए वीरभद्र सिंह ही काफी हैं। कांग्रेस में उनसे बड़ा कोई भी स्टार प्रचारक नहीं है। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह कांग्रेस के पहलवान हैं और यहां की जनता की च्वाइस हैं। भाजपा शोर मचाकर प्रचार कर रही है, लेकिन कांग्रेस पार्टी जमीन पर जाकर प्रचार में जुटी है।
मोदी की चुनावी रैलियों पर कटाक्ष करते हुए सूरजेवाला ने कहा कि विनाश के दानव यहां आए हैं। हिमाचल में भ्रष्टाचार की बातें करने वाले मोदी जवाब दें कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेटे के मामले पर वह चुप्प क्यूं है? मोदी सरकार के सत्ता में आने से शाह की कंपनी का मुनाफा 16 हजार गुणा बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी ने हिमाचल की चुनावी रैलियों में सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने, पयर्टन को बढ़ावा देने और रेल नैटवर्क को मजबूत करने का सब्जबाग दिखाया था। लेकिन मोदी शासन के 41 माह में इनमें से एक पर भी अमल नहीं हुआ। उन्होंने मोदी सरकार की तुलना झूठे जुमलों और छल व प्रपंच से की और कहा कि मोदी की सरकार पहाड़ी राज्यों की दूश्मन है। साल 2015 में मोदी ने हिमाचल के औद्योगिक क्षेत्रों के विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया और प्रदेश सरकार के बार-बार आग्रह करने पर बाद में अप्रैल 2017 में इसे फिर बहाल किया गया।
सूरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जुमलेबाज की संज्ञा देते हुए कहा कि उन्होंने जो वायदे हिमाचल और देशवासियों से किए थे, वे 41 माह में भी पूरे नहीं हो पाए हैं। उल्टा नोटबंदी और जीएसटी के दमनकारी फैसलों से लोगों का जीना दूभर हो गया है। किसानों का कर्जा माफ करने में मोदी सरकार विफल रही है।