श्री रेणुका जी (एमबीएम न्यूज): आखिर, मुख्य संसदीय सचिव विनय कुमार के सपनों का फुटब्रिज बेमानी हो गया है। यही शंका एक साल पहले जाहिर हुई थी। संयोग देखिए, 2016 के मेले के उदघाटन से ठीक एक दिन पहले इसका निर्माण आनन-फानन में पूरा किया गया था। आज 2017 में उसी दिन फुटब्रिज को असुरक्षित घोषित किया गया, जिस दिन मेला शुरू हुआ है।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क की लोक निर्माण विभाग के कनिष्ठ अभियंता स्तर के अधिकारी से बात हुई तो वह खर्चे से अनजान थे। अलबत्ता जेई आरपी शर्मा ने इतना कहा कि अधीक्षण अभियंता के निर्देश पर फुटब्रिज को असुरक्षित घोषित किया गया है। दरअसल ददाहू से श्री रेणुका जी मेलास्थल दो से तीन किलोमीटर है। गिरिनदी के किनारे वाहनों को पार्क करने के बाद इस फुटब्रिज का इस्तेमाल करते हुए श्रद्धालु मेलास्थल तक पहुंच सकते थे।
आज अचानक ही जब पुल पर आवाजाही बंद करने के लिए लोक निर्माण विभाग की टीम पहुंची तो हर कोई हैरान हुआ। बावजूद इसके लोग नहीं मानें। जोखिम उठाकर पुल को पार किया जा रहा था। हालांकि विभाग यह भी तक दे रहा है कि निर्माण स्थाई नहीं था। इसके पिलर अस्थाई तौर पर बनाए गए थे। दरअसल चुनाव आचार संहिता लग जाने की वजह से सीपीएस विनय कुमार की मेले के आयोजन को लेकर सक्रियता समाप्त हो गई थी। संभवत: विभाग ने आज यही सोचा कि आज मेले के दौरान श्रद्धालुओं की आवाजाही फुटब्रिज पर काफी हो सकती है, लिहाजा दुर्घटना से बेहतर है, इसे तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाए।
सनद रहे कि गत वर्ष अस्थाई फुटब्रिज के निर्माण पर भाजपा ने भी कई सवाल उठाए थे। बहरहाल विभाग के कनिष्ठ अभियंता आरपी शर्मा ने कहा कि पुल के अस्थाई स्ट्रक्चर की समय पर मरम्मत होनी चाहिए थी, जो नहीं हुई। लिहाजा आलाधिकारियों के निर्देश पर इसे बंद कर दिया गया है। 2015 के रेणुका मेले के दौरान गिरिनदी पर सेना ने भी अस्थाई फुटब्रिज का निर्माण किया था। दीगर है कि सीपीएस ने ही अस्थाई फुटब्रिज के निर्माण का सपना देखा था।
भाजपा ने अपनी चार्जशीट में भी इस फुटब्रिज के निर्माण को शामिल किया था। आरोप था कि बेवजह ही 30 लाख रुपए के आसपास की राशि को खर्च कर दिया गया।