हमीरपुर (एमबीएम न्यूज़ ): नादौन हलके की जोलसप्पड़ पंचायत में वृद्ध की मौत के बाद परिजन उसके अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे। लेकिन इसी बीच वृद्ध की पत्नी ने भी प्राण त्याग दिए। पति-पत्नी की मौत के बाद दोनों की चिता एक साथ जलाई गई। कहावत है कि आदमी इस दुनिया में आता भी अकेला है और दुनिया से जाता भी अकेला है। जोलसप्पड़ पंचायत में दंपती का दुनिया से एक साथ जाना इस कहावत को भी झुठला गया। ग्राम पंचायत जोलसप्पड़ के गांव खिल्ला निवासी खुशी राम (85) व पत्नी कलां देवी (75) की मौत से परिवार सदमे में है।
दिवंगत खुशी राम के पोते रिशू ने बताया कि दादा लंबे समय से अस्थमा से पीडि़त थे। शुक्रवार सायं चार बजे दादा की मौत हो गई। दादा के अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे कि इसी बीच दादी भी अचेत हो गईं। थोड़ी देर पानी इत्यादि पिलाने की कोशिश की, लेकिन इसी बीच देखा की दादी की सांसें थम गई थीं। दादी एकदम सकुशल थीं। लेकिन दादा की मौत के बाद वह थोड़ा गुमसुम थीं। दोनों का एकसाथ अंतिम संस्कार किया गया।
दंपति की मौत के बारे में लोग इसे पूर्व जन्म के संबंधों से जोड़कर देखकर रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि पति-पत्नी के प्रेम की यह मिसाल है कि पति की मौत के बाद वियोग में पत्नी ने भी प्राण त्याग दिए। इस दंपति के अंतिम संस्कार में इलाके के लोगों ने भी भाग लिया। खुशी राम व कलां देवी की चिता एक ही स्थान पर लगाई गई। उनके छोटे सैनिक बेटे ने मुखाग्नि दी।