पावंटा साहिब (एमबीएम न्यूज़ ): प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता के बाद चुनाव आयोग की सख्ती के बाद हर रोज नई घटना सामने आ रही है। सबसे सवेदनशील कहे जाने वाले पांवटा दून विस क्षेत्र में रविवार रात को ओर फर्जीवाडे का मामला सामने आया है। पांवटा साहिब में सामने आये इस मामले ने जिला प्रशासन के बेहतर सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है।
एक फर्जी जज ने जिले के चुनाव अधिकारी व जिलाधीश सिरमौर को पांवटा साहिब के विश्राम गृह में वीआईपी सेट की मांग की, साथ सुरक्षा के लिए दो पुलिस कर्मी भी मांग लिये। उसके बाद पंजाब के जालंधर के रहने वाले जितेंदर कांडा फर्जी जज ने पांवटा साहिब के एसएचओ से सुरक्षा के लिए मोबाईल पर फोन किया। उपायुक्त ने एसडीएम पांवटा को उक्त जज के लिए कमरा बुक करने के लिए निर्देंश दिये थे।
पंजाब के जालंधर का रहने वाला जितेंदर कांडा व रामचंद्र नकली जज बनकर लोक निर्माण विभाग के रेस्ट हाउस में पंहुचे। रविवार रात को पुलिस टीम गश्त पर थी, एसएचओ ने रेस्ट हाउस में ठहरे लोगों की जांच पंडताल को शुरू की। जब फर्जी जज से एचएसओं ने पूछताछ की, तो दो व्यक्तिओं में से एक ने अपने आप को इलाहाबाद के जेएमआईसी कोर्ट का जज बताया। साथ ही अपना स्थाई पता पंजाब के जालंधर का बताया। पुलिस को माजरा समझते देर नहीं लगी, हल्की सी सख्ती ने नकली जजों की पोल खोल दी। पुलिस ने दोनों गिरफ्तार करने में जरा भी देर नहीं की।
मामले कि पुष्टि करते हुए एसएचओ जसवीर सिंह ने बताया कि कंडाघाट से उनके मोबाईल पर फोन आया था कि इलाहाबाद कोर्ट में जज पांवटा में ठहरेगे, वहां उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाई जाये। रात को जब जितेंदर कांडा व रामचंद्र की पहचान के तौर पर आई कार्ड मांगा गया, तो वह आना कानी करने लगा, जिसे नकली जज बनकर लोक निर्माण विभाग के रेस्ट हाउस में रहने व पुलिस को गुमराह करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। जिलाधीश बीडी बडालिया का कहना है कि उनके पास किसी का फोन आया था कि पंजाब से कोई जज आ रहे है, इसके बाद एसडीएम पांवटा साहिब एचएस राणा को निर्देश दिए थे। उधर इस मामले पर हिमाचल प्रदेश चुनाव विभाग के प्रदेश मिडिया प्रभारी नीरज शर्मा ने बताया कि मामले में रिपोर्ट मांगी गई है।