नाहन (एमबीएम न्यूज): ऐतिहासिक गुरूद्वारा श्री दशमेश अस्थान साहिब में आज संगतों के ठहरने, समेत अन्य सुविधाओं से लैस बनने वाले बहुमंजिला इमारत की आज पहली मंजिल का लैंटर डाला गया। इस दौरान सैंकड़ों की संख्या में संगतों ने कार सेवा में भाग लिया।
गुरूद्वारा दशमेश अस्थान कार सेवा सोसायटी के प्रेमपाल सिंह व जीतेंद्र सिंह ने बताया कि आज गुरूद्वारा श्री दशमेश अस्थान साहिब के लिए बनने वाले बहुमंजिला इमारत की पहली मंजिल का लैंटर डाला गया है। जिसमें स्थानीय लोगों समेत बडू साहिब से आई संगतों ने कार सेवा कर पुण्य प्राप्त किया। प्रेमपाल सिंह ने बताया कि उक्त बहुमंजिला इमारत में बस पार्किंग, छात्रों के लिए अकादमी, लंगर हॉल, संगतों के रिहायश के लिए बनने वाले कमरे, एवं कॉम्पलैक्स का निर्माण किया जाएगा, जिसमें सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
यह सब गुरूद्वारा श्री दशमेश अस्थान साहिब की ओर से नि:शुल्क लोगों एवं बाहरी राज्यों से आने वाले संगतों को उपलब्ध होगा। उन्होंने बताया कि पूर्व में गुरूद्वारा में आने वाली संगतों के लिए ठहरने एवं गाड़ी पार्क करने समेत अन्य सुविधाओं का अभाव था। जिसको देखते हुए क्षेत्र की संगतों एवं बडू साहिब के सहयोग से कार सेवा का शुभारंभ किया गया। जिसके तहत आज पहली मंजिल का लैंटर डाला गया है। उन्होंने बताया कि इस दौरान मोहल्ला गोबिंदगढ़ की संगत ने पूरे जोश के साथ सेवा की।
गुरूद्वारा दशमेश अस्थान का क्या है इतिहास
गुरूद्वारा श्री दशमेश अस्थान साहिब एक ऐतिहासिक गुरूद्वारा सिरमौर जिले के नाहन में स्थापित है। जहां श्री गुरू गोबिंद सिंह साहिब महाराज साढ़े 8 माह रहे। सिरमौर रियासत में राजा मेधनी प्रकाश के बुलावे पर गुरू गोबिंद सिंह साहिब आंनदपुर सिंह से यहां पहुंचे। जिनका राजा ने सिरमौर रियासत की सीमा पर टोका साहिब के नजदीक भव्य स्वागत किया और नाहन लाया गया। उस समय जहां गुरू साहिब विराजमान हुए आज वहां भव्य गुरूद्वारा साहिब की इमारत बनी है।
इस दौरान गुरू गोबिंद सिंह साहिब ने सिरमौर रियासत के राजा मेधनी प्रकाश के रियासत को लेकर चल रहे विवाद को शांति पूर्ण तरीके से सुलझाया था। प्रेमपाल सिंह ने बताया कि नाहन शहर एक ऐतिहासिक शहर है। जहां गुरू गोबिंद सिंह साहिब महाराज ने 8 माह से ज्यादा का समय गुजारा है और वह इसके पश्चात गुरू साहिब पांवटा साहिब चले गए।