शिमला(एमबीएम न्यूज़) : जिले की 8 सीटों पर 38 उम्मीदवार मैदान में हैं। गुरूवार को नामांकन वापिस लेने के आखिरी दिन 7 प्रत्याशियों ने नाम वापिस ले लिए। इस तरह विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों की तस्वीर साफ हो गई है। शिमला शहर और रामपुर सीटों से कांग्रेस अपने बागियों हरीश जनार्था व पूर्व मंत्री सिंघी राम को मनाने में कामयाब नहीं हो पाई है। इन दोनों के चुनाव में डटे रहने से कांग्रेस नेताओं की नींद उड़ गई है। साल 2012 के चुनाव में हरीश जनार्था कांग्रेस के उम्मीदवार थे और भाजपा प्रत्याशी सुरेश भारद्वाज से महज 600 मतों के अंतर से हार गए थे। वहीं पूर्व मंत्री सिंघी राम की रामपुर हल्के में अच्छी पकड़ मानी जाती है। शिमला ग्रामीण पर भाजपा अपने बागी एमडी शर्मा को बिठाने में विफल रही है।
एमडी शर्मा शिमला ग्रामीण से भाजपा के टिकट की मांग कर रहे थे। यहां भाजपा ने नए चेहरे प्रमोद शर्मा पर दांव खेला है, जहां उनके मुकाबले मुख्यमंत्री के बेटे विक्रमादित्य सिंह को उतारा है। गुरूवार को शिमला ग्रामीण व चैपाल से 2 जबकि कुसंपंटी, जुब्बल-कोटखाई व रामपुर सीटों से एक-एक प्रत्याशी ने अपने नामांकन वापिस लिए।
कुसुंपटी में सबसे अधिक 7 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। जबकि शिमला शहर से 6, रामपुर से 5, शिमला ग्रामीण व रोहड़ू हल्कों से 4 प्रत्याशी चुनाव मैदान में रह गए हैं। जुब्बल-कोटखाई पर तीन उम्मीदवारों के बीच मुकाबला होगा। जिले की 8 सीटों के 38 उम्मीदवारों में से निर्दलीय उम्मीदवारों की तादाद 11 है।