मंडी (वी कुमार): जिला का जोगिंद्रनगर विधानसभा क्षेत्र उन विधानसभा क्षेत्रों में शामिल हैं जहां पर मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है। अनुमान के अनुसार यहां पर 80 हजार से भी अधिक मतदाता हैं जबकि विधानसभा क्षेत्र की आबादी करीब डेढ़ लाख है। हालांकि विधानसभा क्षेत्र में अभी तक विकास के कई कार्य हुए हैं लेकिन अभी भी यहां बहुत कुछ करना बाकी है, क्योंकि समय के साथ यहां आबादी भी बढ़ रही है और समस्याएं भी।
हमने जोगिंद्रनगर विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं से बात करके यहां की समस्याओं को जानने का प्रयास किया। साथ ही हमने यह भी जानने का प्रयास किया कि यहां के मतदाता भावी प्रतिनिधि के चुनाव को लेकर क्या सोच रहे हैं। अधिकतर मतदाता ऐसे प्रत्याशी को चुनने वाले हैं जो ईमानदार हो और इलाके का विकास करवाने के लिए प्रतिबद्ध हो।
जोगिंद्रनगर के मतदाता विशाल सिंह, नेत्र सिंह, नीमा देवी, अजय धरवाल, अश्वनी कुमार, गीतू, सोनी बंटा और ममता कपूर ने विभिन्न समस्याओं को लेकर अपनी बात रखी। मतदाताओं के अनुसार इलाके में अभी भी बड़े संस्थानों का अभाव है। जैसे इंजीनियरिंग कालेज, स्वास्थ्य का बड़ा संस्थान, आईपीएच का डिविजन ऑफिस, बस डिपो और बिजली के बड़े प्रोजैक्ट आदि।
इन संस्थानों के अभाव के कारण इलाके की वैसी प्रगति नहीं हो पा रही है जैसी होनी चाहिए। वहीं बेरोजगारी भी एक बड़ी समस्या बनकर सामने आ रही है। इलाके के बेरोजगार युवा मानते हैं कि विधानसभा क्षेत्र में ऐसे प्रोजैक्ट लगे जिससे युवाओं को घरद्वार पर रोजगार उपलब्ध हो सके ताकि उन्हें गलत रास्तों पर भटकने का मौका न मिल सके। वहीं जोगिंद्रनगर बाजार अब ट्रैफिक के बढ़ते दबाव से मुक्ति पाने की गुहार लगा रहा है क्योंकि यहां पर ट्रैफिक ने पूरे शहर की रफतार रोककर रख दी है।
जोगिंद्रनगर बाजार के बाहर से एक बाईपास की मांग पूरजोर तरीके से उठ रही है ताकि वाहनों के आने जाने से कोई परेशानी न हो। वहीं स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भी लोगों में नाराजगी है क्योंकि स्वास्थ्य संस्थानों में विशेषज्ञों के पद खाली होने के कारण उन्हें टांडा जाना पड़ता है जोकि यहां से काफी दूर है। वहीं बस डिपो न होने के कारण सभी बसें या तो बैजनाथ से आती हैं या फिर मंडी से। इससे ग्रामीण इलाकों को परिवहन की सही सुविधा नहीं मिल पा रही है। इसलिए जोगिंद्रनगर से चुनावी रण में उतरे प्रत्याशियों को मतदाताओं की इन कसौटियों पर खरा उतरना होगा।