शिमला (एमबीएम न्यूज़) : भाजपा को बगावत का ऐलान करने वालों को मनाने में सफलता मिली है। शिमला जिले में निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने की घोषणा करने वाले पार्टी नेताओं के मान जाने से संगठन के साथ ही भाजपा प्रत्याशियों को बड़ी राहत मिली है।
भाजपा में टिकट वितरण को लेकर शिमला जिले की कई सीटों पर असंतोष बढ़ गया था तथा ऐसे आसार थे कि नाराज नेता भाजपा से बगावत कर नामांकन के अंतिम दिन सोमवार को पर्चे दाखिल कर सकते हैं। लेकिन एक प्रत्याशी को छोड़कर पार्टी डैमेज कंट्रोल में कामयाब रही। शिमला शहरी से भाजपा पार्षद संजीव ठाकुर को संगठन के नेताओं ने मना लिया और उन्होंने आज नामांकन दाखिल नहीं किया। तीन दिन पहले संजीव ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की थी।
इसी तरह कसुपंटी सीट से बगावत करने वाले भाजपा के साल 2012 के प्रत्याशी व पूर्व मंडल अध्यक्ष प्रेम ठाकुर के तेवर भी शांत हो गए हैं। उन्होंने पार्टी की अधिकृत प्रत्याशी विजय ज्योति सेन के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है और प्रत्याशी के पक्ष में खड़े होने को तैयार हो गए हैं। हालांकि भाजपा में शामिल हुए पृथ्वी चंद सेन ने आज कसुंपटी से निर्दलीय नामांकन भरा। पृथ्वी सेन भाजपा की टिकट मिलने से नाराज हैं। पार्टी ने उनकी भाभी विजय ज्योति सेन को प्रत्याशी बनाया है।
जुब्बल कोटखाई सीट पर जिला परिषद सदस्य नीलम सरकैक के भी निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने की संभावना थी, लेकिन उन्होंने भी आज पर्चा दाखिल नहीं किया। जाहिर है कि वह भाजपा के अधिकत प्रत्याशी नरेंद्र बरागटा का विरोध नहीं करेंगीं। चौपाल सीट से पूर्व प्रत्याशी सीमा मेहता के भी नामांकन नहीं भरने की सूचना है। यहां से भाजपा ने बलबीर वर्मा को प्रत्याशी बनाया है। मिली जानकारी के अनुसार रोहड़ू और शिमला सदर की सीटों पर भाजपा का बागी उम्मीदवार खड़ा नहीं हुआ है। कुल मिलाकर भाजपा जिले में बगावती तेवर दिखाने वाले नेताओं को मनान में सफल रही है।
दूसरी तरफ कांग्रेस में बागियो ने परेशानी बढ़ा दी है। शिमला शहरी के बाद रामपुर में भी बागी चुनाव मैदान में उतर गए हैं। शिमला शहरी से जहां हरीश जनार्था ने अपने सैंकड़ों समर्थकों के साथ निर्दलीय नामांकन भरा, वहीं रामपुर में पूर्व मंत्री सिंघी राम ने भी आजाद उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया है। वह कांग्रेस टिकट न मिलने से नाराज हैं। कांग्रेस ने यहां निवर्तमान विधायक व सीपीएस नंद लाल को प्रत्याशी बनाया है। सिंघी राम के चुनाव में उतरने से यहां कांग्रेस प्रत्याशी को नुकसान हो सकता है।