बिलासपुर (अभिषेक मिश्रा) : बिलासपुर जिला का नयनादेवी विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस का मजबूत किला रहा है। यहां से वरिष्ठ नेता रामलाल ठाकुर ने सात चुनाव लड़े और चार बार जीत दर्ज की, तो तीन बार हार का सामना भी करना पड़ा। अब पिछले दो इलेक्शन में कांग्रेस के इस मजबूत किले में भाजपा सेंध लगा रही है। यह तीसरा मौका है, जब भाजपा अपनी हैट्रिक लगाने के लिए जुगाड़ भिड़ा रही है, वहीँ दूसरी तरफ कांग्रेस के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुकी है। ऐसे में नयनादेवी सीट पर मुकाबला रोचक होने के आसार हैं।
गौरतलब है कि यदि कांग्रेस यहाँ से इस बार चुनाव हारती है तो कभी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओ में शामिल रामलाल ठाकुर का राजनीतिक सफ़र भी खतम हो सकता है और यदि कांग्रेस यहाँ से चुनाव जीतती है और प्रदेश में सरकार बनाती है तो रामलाल ठाकुर को सरकार में फिर से कैबिनेट मंत्री के पद से नवाजा जायेगा। वहीँ अगर भाजपा की बात की जाए तो भाजपा के उम्मीदवार भी अगर इस बार चुनाव जीत कर हैट्रिक लगाते है और प्रदेश में भाजपा की सरकार बनती है तो इस बार रणधीर शर्मा को भी कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है, क्यूंकि इस समय बिलासपुर जिला में चारो विधानसभा क्षेत्र में रणधीर शर्मा ही सबसे वरिष्ठ नेता है।
बिलासपुर जिला की सदर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने इस बार सुभाष ठाकुर और झंडूता विधानसभा क्षेत्र से जेआर कटवाल को चुनाव में उतारा है यह दोनों उम्मीदवार पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे है जबकि घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र से राजेन्द्र गर्ग चुनावी मैदान में दूसरी बार चुनाव लड़ रहे है पर अभी तक उन्होंने जीत दर्ज नही की। यानी अगर बिलासपुर से भाजपा चारो सिट जीत भी जाती है तो सिर्फ रणधीर शर्मा हैट्रिक लगाने वाले उम्मीदवार होंगे जबकि बाकी तीन पहली बार चुनाव जितने वाले होंगे।
रणधीर शर्मा से वरिष्ठ नेता झंडूता विधानसभा क्षेत्र से रिखी राम कौंडल होते थे जिन्हें भाजपा कैबिनेट मंत्री बनाती थी पर इस बार भाजपा ने उनका टिकट काट दिया है, अब बिलासपुर से विधानसभा में भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेता रणधीर शर्मा ही है वहीँ मोदी रैली के प्रभारी बनाने के बाद सफल रैली का आयोजन कर के रणधीर शर्मा ने संगठन में मजबूत पकड़ बना ली है ! ऐसे में अगर श्री नैना देवी जी से रणधीर शर्मा चुनाव जीतते है और प्रदेश में भाजपा की सरकार बनती है तो रणधीर शर्मा को कैबिनेट मंत्री पद मिलने की काफी संभावना है। श्री नैना देवी जी विधानसभा का पहले कोटकहलूर नाम हुआ करता था। वर्ष 1972 में कांग्रेस पार्टी के बैनर से तत्कालीन नेता कुलदीप चंदेल ने चुनाव जीता था।
उसके बाद 1977 में जनता पार्टी से दौलतराम सांख्यान ने चुनाव जीता था। पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ नेता शांता कुमार की सरकार के समय जब उन्हें मंत्री पद से नवाजा नहीं गया, तो उन्होंने खिलाफत कर शांता की सरकार को अढ़ाई साल के कार्यकाल में ही तोड़ने में अहम भूमिका निभाई थी। इसके बाद 1982 में चुनाव हुआ और कांग्रेस के टिकट पर दौलतराम सांख्यान फिर से जीत गए। उस सरकार के कार्यकाल में वह राज्यमंत्री भी रहे। 1985 में पूर्व प्रधानमंत्री की मृत्यु के बाद सरकार भंग हो गई और उसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में पहली बार रामलाल ठाकुर को कांग्रेस से मैदान में उतारा गया।
अपने प्रतिद्वंद्वी दौलतराम शर्मा की जमानत करवाकर रामलाल ठाकुर को पहली बार चुनाव जीतने पर तत्कालीन सरकार में आयुर्वेद एवं खेल मंत्री बनाया गया था। 1990 में रामलाल ठाकुर भाकपा की तरफ से लड़े केके कौशल से हार गए थे और इस चुनाव में दौलतराम सांख्यान को 800 वोट ही मिल पाए, जिसके चलते उनकी जमानत जब्त हो गई थी। 1993 में सदर बिलासपुर में जेपी नड्डा की एंट्री के चलते भाजपा ने कोटकहलूर से सदाराम को टिकट दिया था, लेकिन इस चुनाव में रामलाल ठाकुर विजयी हुए और सदाराम ठाकुर छह हजार वोट ही मिलने की वजह से तीसरे नंबर पर चले गए थे।
इस बार रामलाल ठाकुर को सरकार में स्वास्थ्य मंत्री के पद से नवाजा गया था। फिर रणधीर शर्मा बीजेपी के बैनर तले राजनीति में आए और 1998 में टिकट न मिलने की वजह से केके कौशल बीजेपी की तरफ से लड़े। हालांकि इस चुनाव में कौशल की पराजय हुई, लेकिन बीजेपी सरकार बनने पर उन्हें को-आपरेटिव बैंक के चेयरमैन से नवाजा गया था। उसके बाद 2003 में रणधीर शर्मा पर बीजेपी ने दांव खेला, लेकिन इसमें फिर रामलाल ठाकुर ने विजय प्राप्त कर सरकार बनने पर उद्योग मंत्रालय पाया। यहां तक कोटकहलूर हलके में रामलाल ठाकुर का वर्चस्व कायम रहा, लेकिन 2007 में रणधीर शर्मा ने कांग्रेस के किले में सेंध लगा दी और कांग्रेस प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा।
लगातार दूसरी बार 2012 के इलेक्शन में भी रणधीर शर्मा का परचम कायम रहा और पिछले दो चुनावों में श्री नैना देवी जी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने अपना झंडा पूरी तरह से बुलंद किया हुआ है ! लोकसभा के चुनावों में भी इस विधानसभा क्षेत्र से सांसद अनुराग ठाकुर को काफी बढ़त दिलावाने में रणधीर शर्मा कामयाम रहे है ! अभी हाल में में बिलासपुर जिला मुख्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एम्स का शिलान्यास करने के लिए आये थे जिस दौरान उन्होंने यहाँ पर विशाल रैली को भी संबोधित किया था।
प्रधानमंत्री की इस रैली का प्रभारी भी रणधीर शर्मा को बनाया था और उन्होंने इस रैली को सफल बना कर जहां संगठन में अपनी मजबूत पकड़ बना ली है वहीँ उनके विधानसभा क्षेत्र में एम्स संस्थान का शिलान्यास होने से जनता में भी काफी मजबूत हुए है ! जिसके बाद रणधीर शर्मा हर गाँव में सभाए कर मतदाताओ को अपने पक्ष में कर रहे है।
अभी हाल ही में रणधीर शर्मा ने पूर्व मंत्री और कांग्रेस प्रत्याशी राम लाल ठाकुर की गृह पंचायत घ्याल में बैठक की और रणधीर शर्मा की इस बैठक में घ्याल पंचायत के कई परिवार कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए जो की भाजपा के लिए अच्छे संकेत दे रहे है, वहीँ कांग्रेस के लिए इस पंचायत से लोगो का भाजपा में जाना अच्छे संकेत नही दे रहा है। रणधीर शर्मा जहां कांग्रेस के घर में सेंध लगाने में कामयाब हुए है वहीँ अभी तक कांग्रेस ऐसा कोई कारनामा करने में सफल नही हुई है ।
नैना देवी से इनके हाथ में रही कमान
प्रत्याशी वर्ष पार्टी
कुलदीप चंदेल 1972 कांग्रेस
दौलतराम सांख्यान 1977 जनता पार्टी
दौलतराम सांख्यान 1982 कांग्रेस
रामलाल ठाकुर 1985 कांग्रेस
केके कौशल 1990 भाकपा
रामलाल ठाकुर 1993 कांग्रेस
रामलाल ठाकुर 1998 कांग्रेस
रामलाल ठाकुर 2003 कांग्रेस
रणधीर शर्मा 2007 भाजपा
रणधीर शर्मा 2012 भाजपा