शिमला (एमबीएम न्यूज़ ) : मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खासमखास व राज्य पर्यटन विकास निगम के उपाध्यक्ष हरीश जनार्था ने कांग्रेस से बगावत कर दी है। शिमला शहरी विधानसभा सीट से टिकट कटने से नाराज जनार्था ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। संजौली में जनार्था के समर्थकों द्वारा आज बुलाए गए कार्यकर्ता सम्मेलन में यह घोषणा हुई। जनार्था समर्थक शिमला शहर से हरभजन भज्जी को प्रत्याशी बनाने का विरोध कर रहे हैं।

भज्जी की टिकट बदलने के लिए उन्होंने हाईकमान को दो दिन का अल्टीमेटम दिया था, जो कि आज समाप्त हो गया। कांग्रेस हाईकमान द्वारा आज जारी की गई 8 सीटों की सूची में आनी हल्के के प्रत्याशी का टिकट बदलकर दूसरे प्रत्याशी को दिया गया है, लेकिन शिमला सीट के फैसले पर हाईकमान अड़िग है। इसके चलते जनार्था समर्थकों ने आज बैठक बुलाकर भावी रणनीति बनाई। अब कल सोमवार को हरीश जनार्था शिमला सीट से बतौर निर्दलीय नामांकन दाखिल करेंगे।
साल 2012 में शिमला सीट से हरीश जनार्था को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया था। वे भाजपा के सुरेश भारद्वाज से कड़े मुकाबले में हार गए थे। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से नजदीकियों के चलते जनार्था वीरभद्र सरकार ने पर्यटन विकास निगम के उपाध्यक्ष बनाए गए। इसी के फलस्वरूप उन्होंने शिमला शहरी हल्के में अपना दबदबा कायम रखा था।
इस बीच मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज अपने निवास स्थान हाॅलीलाॅल में पत्रकारों से अनौपचारिक बाचतीत में हरीश जनार्था को शिमला शहरी से सशक्त प्रत्याशी बताते हुए कहा कि उन्होंने बीते 5 सालों में इस हल्के में अनेक विकास कार्य करवाए हैं। वीरभद्र सिंह ने कहा कि टिकटों पर अंतिम निर्णय कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति करती है और उनके फैसले का सबको सम्मान करना चाहिए।