बिलासपुर (अभिषेक मिश्रा) : टावर लाइन शोषित जागरुकता मंच इस बार के विधानसभा चुनाव में श्री नैना देवी जी और सदर विधानसभा क्षेत्र से अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारेगा । टावर लाइन शोषित जागरुकता मंच ने वुधवार को जुखाला में बैठक कर इसके उपर मंथन करना शुरू कर दिया है। मंच का कहना है कि हिमाचल के चार जिलो से लुधियाना तक पहुंची रिलायंस ईनफ्रा की पार्वती कोलडैम टावर लाइन से जिला बिलासपुर के हजारों किसान प्रभावित हुए है। कंपनी ने इन किसानो की मलकियत जमीन घरों दुकानों वह मवेशीखानो के ऊपर से बिना मुआवजा दिए, बिना नियमों के पालन व बिना भूमि मालिको की इजाजत के टावर लाइन बिछा दी थी । जिसके खिलाफ किसान एकजुट है तथा उनकी करोड़ों रुपए के जमींन बिना मुआवजे के अधिग्रहण की गई है जिसका मुआवजा दिलाने में भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियाँ नाकाम रही है । मलकियत भूमि का अधिग्रहण को लेकर कांग्रेस व भाजपा द्वारा उनकी आवाज को ना उठाए जाने की वजह से नैना देवी व सदर विधानसभा क्षेत्र से मंच अपने उम्मीदवार उतारने जा रहे हैं ।

मंच ने जुखाला में बैठक का आयोजन किया जिसमें करोट, धौण कोठी, हरनोडा, भडोली, आशा मजारी, पजैतन, निहारखन वासला, कोटला, बलवाड़, कोठीपुरा आदि गांवों के प्रभावित किसानों ने भाग लिया ।इस बैठक में मंच द्वारा चुनावों में उतारे जा रहे प्रत्याशियों के नामों को लेकर चर्चा की गई और यह निर्णय लिया गया कि जिला के सामाजिक संगठनों व प्रगतिशील लोगों से भी बात की जाए ताकि मजबुती से काग्रेंस व भाजपा के उम्मीदवारों के खिलाफ उम्मीदवारों उतारकर मंच व टावर लाइन की जनसमस्या को प्रदेश स्तर पर उठाने के लिए मदद ली जा सके ।
प्रदेश संयोजक अधिवक्ता रजनीश शर्मा ने कहा की अगर भाजपा व कांग्रेस के द्वारा गरीब किसानों तथा उनकी मलकियत भूमि की सरेआम की गई लूटपाट के मुद्दे को अपने चुनावी घोषणापत्र में नहीं डालती है तो कुल्लू से लुधियाना तक हिमाचल के 4 जिलों की सभी विधानसभा विधानसभाओं में टावर लाइन शोषित जागरुकता मंच कांग्रेस व भाजपा के खिलाफ अपने उम्मीदवार मैदान में उतारेगा, ताकि गरीब किसानों की इस गंभीर जन समस्या व भूमि अधिग्रहण की लड़ाई को प्रदेश विधानसभा में टावर लाइनों के नीचे आई मलकियत भूमि के मुआवजे को लेकर विशेष कानून पारित करवा सके। जिला प्रधान बाबूराम ठाकुर व जिला सचिव राजेश ठाकुर ने बताया की उक्त टावर लाइन कंपनी द्वारा जिस तरीके से बिना ग्राम पंचायत की स्वीकृतियो व जिला प्रशासन की मंजूरी के बिना टावर लाइन का निर्माण किया गया है वह गैरकानूनी है तथा लोगों की न्याय की लड़ाई लड़ने वाली राजनीतिक दलों को भी चाहिए की इस जन समस्या के खिलाफ अपनी विधानसभाओं के प्रभावित किसानों के अधिकारों की लड़ाई को अपने चुनावी घोषणापत्र में मुख्य रुप से मुद्दा बनाएं क्यूंकि नयनादेवी जी विधानसभा में सात अन्य कंपनियों की टावर लाइनें भी अवैध तरीक़े व बिना भुमि अधिग्रहण के लगाई गई हैं जिसका सही हिसाब किताब दोनों दलों के नुमाइंदे भी जनता को दें अन्यथा आने वाले समय में जनाक्रोश का सामना करना पड़ेगा
मंच के राज्य कानूनी सलाहकार अजय नडडा ने कहा कि बड़ी हैरानी की बात है कि लगाई गई कुल 57 लाइनों में से सिर्फ दो टावर लाइनों का भूमि अधिग्रहण किया गया है जबकि अन्य टावर लाइन ओके कोई भी दस्तावेज आज तक किसानों को उपलब्ध नहीं करवाए गए हैं जोकि सरकार व विधानसभा के स्तर पर जांच का विषय है । गौरतलब है की मंडी जिला के नाचन व सराज विधानसभा के विधायको द्वारा विधानसभा सत्र में उक्त टावर लाइन कंपनी की अनिमियताओ के खिलाफ यह मुद्दा बड़े जोर शोर से उठाया गया था जिसके बाद उर्जा मंत्री सुजान सिंह पठानिया ने यह कह कर अपना पल्ला झाड लिया था कि उक्त टावर लाइन अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर लगाईं गई है, जबकि मंच के प्रदेश संयोजक अधिवक्ता रजनीश शर्मा ने सरकार पर आरोप लगाया कि सुजान सिंह पठानिया ने कंपनी के दवाव में आकर यह बयान दिया था क्योंकि अप्रैल और मई माह में बिलासपुर जिला के धौणकोठी गाँव में अक्त टावर लाइन में धमाके हुए थे जिसकी वजह से पुरे गाँव में लाखो रु का नुक्सान हुआ है इसके साथ ही इस गाँव व अन्य प्रभावित गाँवो के लोगो की जन्दगी के साथ खिलवाड़ हो रहा है । रजनीश शर्मा ने इस सारे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है ताकि सच सबके सामने आ सके ।