हमीरपुर (एमबीएम न्यूज़) : जिला प्रशासन सूबे में स्कूलों में सुरक्षा के उपायों पर जोर देने के निर्देश जारी कर दिए है। दिल्ली में एक निजी स्कूल में हुए घटनाक्रम के हमीरपुर ने सूबे में निर्देश जारी कर दिए है कि कोई भी सरकारी स्कूल व निजी स्कूल प्रशासन किसी भी अध्यापक को बिना पुलिस वेरिफिकेशन के नहीं रखेगे। जिला कार्यक्रम अधिकारी बंदना चौहान ने बताया कि उप-निदेशक शिक्षा उच्चतर तथा माध्यमिक को जिला के विभिन्न सरकारी तथा प्राईवेट स्कूलों में सेफटी एवं सिक्योरिटी उपायों को सख्ती से क्रियान्वित करें, ताकि बच्चों का किसी भी प्रकार का शारीरिक तथा मानसिक उत्पीडऩ न हो। उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों में लडक़े तथा लड़कियों के लिए तथा स्टाफ के लिए अलग शौचालय तथा अन्य सुविधाएं हों।
टीचिंग तथा नॉन टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति से पहले चिकित्सा जांच तथा पुलिस वेरिफिकेशन हो। स्कूल मैनेजमैंट के पास समस्त स्टाफ के आधार नम्बर इत्यादि की डिटेल हो। सीसीटीवी कैमरा के माध्यम से स्कूल में सर्विलैसं का प्रावधान हो, स्कूल आथोरिटी द्वारा स्कूल में किसी अजनवी के आने तथा जाने के उददेश्य सहित प्रविष्ट हो। स्कूल बस से उतरते व चढ़ते समय स्कूल स्टाफ बच्चों के लिए अतिरिक्त ऐतिहात बरते, 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए जब वह शौचालय में हों, आदर्शत मार्गदर्शन करें।
बच्चों के लिए यौन उत्पीडऩ से संबंधित जागरूक करने के उददेश्य से काउंसलिंग सत्र का आयोजन करें तथा पोस्को अधिनियम के तहत गुड तथा बैड टच के अंतर बारे बताएं। स्कूल में सीनियर छात्रों के लिए स्कूल मैनेजमैंट विशेष काउंसलिंग करें। माता-पिता तथा अध्यापक यह भी विशेष ध्यान रखें कि उनके बच्चेे स्कूल जाते समय तथा स्कूल से वापिस घर आते समय समूहों में आएं, अकेले नहीं। इसके अतिरिक्त स्कूल प्रबंधन यह भी सुनिश्चित करे कि किसी भी बच्चे के साथ स्टाफ या बाहरी किसी व्यक्ति द्वारा स्कूल परिसर के अंदर किसी प्रकार का शोषण, शारीरिक अथवा मानसिक उत्पीडऩ न हो ।