नाहन (एमबीएम न्यूज): डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज की कथित बड़ी लापरवाही सामने आई है। इसकी कीमत कुम्हारगली के रहने वाले 55 साल के संजीव शर्मा को जान देकर चुकानी पड़ी। बीती रात सांस की शिकायत पर मरीज को मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया, जहां से डॉ. पांडे ने रोगी को तत्काल ही चंडीगढ़ रैफर करने का फैसला लिया। इसके बाद एंबूलेंस में शिफ्ट कर दिया गया।
5-6 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद तिमारदारों को पता चला कि एंबूलेंस में ऑक्सीजन का सिलेंडर खाली है। इसके बाद एंबूलेंस को वापस मेडिकल कॉलेज लाया गया। ऑक्सीजन सिलेंडर बदलने के बाद दोबारा चंडीगढ़ का सफर शुरू हुआ। लेकिन 32 सैक्टर के मेडिकल कॉलेज पहुंचने से पहले ही संजीव ने दम तोड़ दिया। शव को वापस लाया जा रहा था तो एंबूलेंस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। तिमारदार भी बाल-बाल बचे। परिवार के सामने सबसे बड़ी चुनौती शव को वापस लाने की आन पड़ी।
भला हो हरियाणा के 108 एंबूलेंस के एक चालक का, जो कुछ दूरी तक शव समेत परिवार के सदस्यों को लेकर आया। इसके बाद निजी एंबूलेंस का इंतजाम किया। मृतक के परिवार का यह भी आरोप है कि एंबूलेंस का चालक संभवत: ओवर डयूटी कर रहा था। शायद थकावट भी होगी। बहरहाल यह तमाम बातें जांच के बाद ही साबित हो सकती हैं। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में मृतक के बेटे मोहित शर्मा ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। मृतक के साथ चंडीगढ़ गए तिमारदारों ने कहा कि अंतिम संस्कार के बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन को शिकायत सौंपी जाएगी।
उधर जब मेडिकल अधीक्षक डॉ. केके पराशर से बात की गई तो उन्होंने माना कि एंबूलेंस दुर्घटनाग्रस्त हुई है, लेकिन इस बात पर अनभिज्ञता जाहिर की कि एंबूलेंस में खाली ऑक्सीजन सिलेंडर भेजा गया था। उन्होंने कहा कि यह पता चला है कि एंबूलेंस में तीन सिलेंडर रखे गए थे। मेडिकल अधीक्षक ने कहा कि यह भी पता लगाया जाएगा कि एक एंबूलेंस में तीन सिलेंडर क्यों रखे गए थे। डॉ. पराशर ने कहा कि इस वक्त वह शिमला में है, लेकिन वापस लौटते ही मामले में पूरी जांच की जाएगी। अंतिम समाचार के मुताबिक शव का अंतिम संस्कार किया जा रहा था।
पार्षद शुभम सैनी व अशोक इत्यादि ने कहा कि जल्द ही इस मामले में शिकायत दी जाएगी।