बिलासपुर (अभिषेक मिश्रा) : साहित्यिक लेखन में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले वरिष्ठ साहित्यकार कुलदीप चंदेल अब आकाशवाणी शिमला से प्रसारित होने वाले कहलूरी कार्यक्रमों में भाग लेने वाले कलाकारों का चयन भी करेंगे। आकाशवाणी शिमला के माध्यम से दिल्ली आकाशवाणी केंद्र द्वारा इसके लिए कुलदीप चंदेल के नाम पर मुहर लगा दी गई है। आकाशवाणी द्वारा उन्हें कहलूरी भाषा के लिए बनाई गई री-ऑडिशन कमेटी का सदस्य मनोनीत किया गया है। इस कमेटी में चयनित होने वाले कुलदीप चंदेल बिलासपुर के सबसे पहले सदस्य बने हैं।
गौर हो कि वरिष्ठ साहित्यकार कुलदीप चंदेल हिंदी के अतिरिक्त कहलूरी भाषा में पिछले करीब अढ़ाई दशक से साहित्य सृजन कर रहे हैं। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं और विशेष रूप से प्रदेश के अग्रणी मीडिया ग्रुप ‘दिव्य हिमाचल’ में उनके लिखित लेख प्रकाशित होते रहते हैं। वहीं प्रसारित होने वाले रूपकों में किला कोटकहलूर, बच्छरेटू, बसेह, त्यून सरयून, छंजयार, बहादुरपुर, फेतहपुर व रतनपुर शामिल हैं। धार्मिक स्थलों में हिंदू-सिखों का साझा विश्व विख्यात तीर्थ स्थल श्री नयनादेवी, श्री नाहर सिंह मंदिर, ऋषि व्यास की तपोस्थली व्यास गुफा, श्री मार्कंडेय तीर्थ स्थल तथा लखदाता पीर भ्याणू मंदिर है। श्री चंदेल ने इन सभी किलों व धार्मिक स्थलों को लेकर लंबे समय तक कड़ी मेहनत की है।
किलों-धार्मिक स्थलों पर भी लेखन
कुलदीप चंदेल ने बिलासपुर के ऐतिहासिक किलों व धार्मिक स्थलों के बारे में बड़ी ही शिद्दत के साथ लेखन किया है। इन स्थलों के बारे में तैयार किए गए कुल 13 रूपकों का प्रसारण आकाशवाणी शिमला से पहली से 13 सितंबर तक रात साढ़े नौ बजे से होगा। प्रत्येक रूपक की प्रसारण अवधि आधे घंटे की होगी।