बिलासपुर (अभिषेक मिश्रा) : उतरी भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ नयनादेवी में आगामी 24 जुलाई से शुरू होने वाले श्रावण अष्टमी मेले में इस बार श्रद्धालुओं को बारिश में भीगना नहीं पड़ेगा। मंदिर न्यास प्रबंधन की ओर से मेले के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए वाटर प्रूफ टेंट लगाए जाएंगे। इसके अलावा विभिन्न राज्यों से माता के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के ठहराव की भी मंदिर न्यास प्रबंधन की ओर से पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। पर्यटन महकमे की नवनिर्मित दो इमारतों में श्रद्धालुओं के रात्रि ठहराव की मंदिर न्यास प्रबंधन की ओर से इंतजाम किए गए हैं।
24 जुलाई से नयनादेवी में श्रावण अष्टमी मेलों का आगाज होने जा रहा है। सप्ताह भर चलने वाले इन मेलों में श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े, इसके लिए मंदिर न्यास प्रबंधन अभी से तैयारियों में जुट गया है। नयनादेवी मंदिर व इसके आसपास के क्षेत्र में दुकानें सजाने वाले दुकानदारों को दो-दो कूड़ेदान दुकान के आगे रखने की खास हिदायत दी गई है। श्रावण अष्टमी मेले में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए क्रमवार श्रद्धालुओं के छोटे-छोटे जत्थों को विभिन्न प्रवेश द्वारों से आगे भेजा जाएगा। समूचे क्षेत्र को नौ सेक्टरों में विभाजित किया जाएगा। जिसमें 1000 पुलिस जवानों के साथ 400 गृह रक्षक चप्पे-चप्पे पर तैनात रहकर सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे। मंदिर न्यास प्रबंधन इस बार श्रावण अष्टमी मेले के दौरान रक्तदान शिविर का आयोजन भी करने जा रहा है। इसमें प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालु स्वैच्छिक रक्तदान करेंगे। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जहां लंगर का आयोजन किया जाएगा वहीं वालंटियर भी श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तत्पर रहेंगे। श्रावण अष्टमी मेले में श्रद्धालुओं की नयनादेवी में भारी भीड़ उमड़ती है। लिहाजा मेले को लेकर मंदिर न्यास प्रबंधन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। मंदिर अधिकारी नयनादेवी मदन चंदेल ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए इस बार पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। वाटर प्रूफ टेंट लगाने के साथ-साथ रात्रि ठहराव की भी समुचित व्यवस्था की गई है।