शिमला (एमबीएम न्यूज): इस बात की कल्पना तक नहीं की जा सकती , सामूहिक बलात्कार के दौरान गुडिया की मानसिक व शारीरिक स्थिति क्या रही होगी लेकिन पुलिस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, रोंगटे खड़े कर देने वाले खुलासे हो रहे हैं। वैज्ञानिक सबूतों के आधार पर ही पुलिस कोर्ट में चालान पेश करेगी। अब तक की तफ्तीश में यह जरूर सामने आ रहा है कि जब बच्ची से हैवानियत का बर्ताव किया जा रहा था तो एक आरोपी ने बच्ची का मुंह मिटटी की तरफ दबाया हुआ था, जिससे दम घुटने से उसकी मौत हो गई। मगर हैवानियत जारी रही। इस दलील को कोर्ट में पेश करने से पहले पुलिस को एफएसएल की रिपोर्ट के साथ-साथ पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भी गहराई से मंथन करना होगा।
सोशल मीडिया में लोगों ने गैर जिम्मेदाराना तरीके से फोटो व अपुष्ट खबरों को शेयर करना शुरू कर दिया था। लिहाजा एमबीएम न्यूज नेटवर्क भी यह स्पष्ट कर देना चाहता है कि पुलिस की अब तक की थ्यौरी के आधार पर ही मासूम गुडिय़ा के साथ हुई बर्बरता की घटना को पाठकों से साझा किया जा रहा है। खुद पुलिस महानिदेशक सोमेश गोयल व आईजी जहूर एस जैदी ने पत्रकारों के सामने हैवानियत व दरिंदगी जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया है। बड़ी बात यह भी सामने आई है कि इस समूचे जघन्य अपराध का सूत्रधार चौपाल उपमंडल के हलाईला गांव का रहने वाला 32 वर्षीय राजेंद्र उर्फ राजू ही था, जिसके साथ दो नेपाली व दो उत्तराखंड के व्यक्ति शामिल थे।
29 साल के आशीष चौहान उर्फ आशु को पुलिस छोड़ भी सकती है, बशर्ते जांच पूरी कर ली जाए। इस घटनाक्रम में बड़ी बात यह है कि तमाम आरोपी न तो हाई प्रोफाइल ओर न ही रसूखदार परिवारों से संबंध रखते हैं। यह बात भी साफ हो गई है कि जिस जगह पर सामूहिक बलात्कार को अंजाम दिया गया, उससे कुछ मीटर की दूरी पर ही गुडिया का शव फेंक दिया गया था। खाकी को पहले दिन से ही राजू पर शक था, लेकिन पुलिस भी चालाक थी। चाहती थी कि अन्य आरोपी भी पकड़े जाएं। लिहाजा एक बार पकडऩे के बाद राजू को छोड़ दिया गया था।
एसआईटी चीफ जहूर एच जैदी ने कहा कि वाकई में हैवानियत व दरिंदगी की सीमाएं पार की गई। उन्होंने कहा कि हर पहलू से जांच की जा रही है। उधर एक अन्य जानकारी के मुताबिक इस मामले में गिरफ्तार 29 साल के आशीष चौहान को पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। बाकी आरोपियों को कल अदालत में पेश किया जाएगा।